जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत के मामले में मुख्य सरगनाओं को दबोचने के बाद एसआईटी ने खुलासा किया है कि हमीरपुर की अवैध फैक्ट्री के प्लांट में मिक्सिंग सही ढंग से न होने के कारण शराब जहर बन गई। इससे सात लोगों की मौत हो गई। पकड़े गए आरोपियों में कांगड़ा के पंचरुखी के गौरव मिन्हास और प्रवीण ठाकुर मिलावटी शराब के कारोबार के मुख्य सरगना हैं। सुंदरनगर का कालू शराब के वितरण का काम देखता था। हमीरपुर स्थित जिस प्लांट में जहरीली शराब बनी है, वहां का मालिक प्रवीण ठाकुर है। यहां 25 टन की खेप बनाई जा गई थी। फैक्टरी प्रवीण ने अपने घर की दूसरी मंजिल में चला रखी थी। शराब की पेटियों से भरे दो कमरों को बाहर से लॉक लगा होता था, अंदर काम होता था। प्रवीण का कांग्रेस से जुड़े कुछ नेताओं से संबंध बताया जा रहा है। गौरव कच्चे माल से लेकर शराब बनने तक सारी प्रक्रिया में समन्वय करता था। हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू, यूपी और चंडीगढ़ में फैले नेटवर्क से शराब तैयार होती थी।
शराब के लिए पानी, बोतल हमीरपुर और खाली पेटी परवाणू से आती थी। जम्मू के एके त्रिपाठी के पास शराब बनाने का फार्मूला था। चंडीगढ़ से स्टीकर आते थे, ढक्कन परवाणू से आते थे। अंबाला और दिल्ली से स्प्रिट ड्रमों में आता था। डीआईजी मंडी मधुसूदन शर्मा ने बताया कि 20 जनवरी को चार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को सुराग मिलते गए और दायरा बढ़ाते हुए जांच तेज की। अब यह मामला अंतरजिला नहीं, बल्कि अंतरराज्यीय है। चल-अचल संपत्ति की जांच के लिए ईडी को भी कहा जाएगा। बता दें कि पुलिस ने अब तक हमीरपुर से 6000 बोतल बरामद की हैं। गौरव मिन्हास के घर से 25 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। वीआरवी के स्टीकर भी बरामद हुए हैं। शराब की सप्लाई ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी में हुई है। मंडी वाला लॉट जहरीला पाया गया है। उधर, पुलिस को नालागढ़ की फैक्टरी से बड़ी मात्रा में शराब और कच्चा माल बरामद हुआ है। सूत्रों के अनुसार शराब बनाने का फार्मूला और स्प्रिट देने वालों को एसआईटी सरकारी गवाह बनाने जा रही है। इससे यह भी पुख्ता हो जाएगा कि उन्होंने हमीरपुर में ही स्प्रिट और फार्मूला दिया है।