मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य ढांचे के आधुनिकीकरण व गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के विस्तार हेतु पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने का दिया आश्वासन
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने यहां उच्च स्तरीय क्रय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश के 34 स्वास्थ्य संस्थानों में शीघ्र ही अत्याधुनिक सीटी स्कैन मशीनें स्थापित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन मशीनों की खरीद की प्रक्रिया तीन महीनों में पूरी कर दी जाएगी तथा दिसम्बर, 2025 तक प्रदेश की जनता इन सेवाओं का लाभ उठा सकेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन मशीनों के स्थापित होने से लोगों को निकटवर्ती स्थानों पर ही आधुनिक और विश्वसनीय सीटी स्कैन सेवाएं उपलब्ध होंगी।
ये मशीनें सिविल अस्पताल पांवटा साहिब, राजगढ़, अर्की, नालागढ़, नादौन, देहरा, जवाली, अंब, चौपाल, रोहड़ू, ठियोग, रिकांगपिओ, मंडी, बिलासपुर, नूरपुर, घुमारवीं, करसोग, सुंदरनगर, सरकाघाट, जोगिंद्रनगर, मनाली, आनी, भरमौर, चौहड़ी और भोरंज में स्थापित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त जोनल अस्पताल धर्मशाला और डीडीयू शिमला तथा क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, सोलन, केलांग और कुल्लू सहित एमजीएमएससी खनेरी रामपुर तथा अन्य स्थानों में भी यह मशीनंे स्थापित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचे का आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त वित्तीय राशि सहित हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन स्वास्थ्य संस्थानों की सूची, उनके समयबद्ध निर्माण हेतु आवश्यक बजट तथा स्टाफ की आवश्यकता का ब्यौरा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जैसे ही अनुमान तैयार होंगे, सरकार उनके निर्माण और अत्याधुनिक मशीनों की खरीद के लिए पर्याप्त धनराशि जारी करेगी। साथ ही स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया भी तुरंत आरंभ कर दी जाएगी।
डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि सर्जरी के लिए पांच फेको मशीनें भी खरीदी गई हैं, जिन्हें चंबा चिकित्सा महाविद्यायल, क्षेत्रीय अस्पताल चंबा और सिविल अस्पताल रोहड़ू, पांवटा साहिब और ऊना में स्थापित किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश में स्थापना प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में दवाओं और अन्य आवश्यक चिकित्सा सामग्रियों की खरीद त्रैमासिक आधार पर की जाती है जिससे बार-बार औपचारिकताओं और अनुमोदन में विलंब होता है। इस समस्या से निपटने से एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाएगा जिससे निर्बाध और शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान की त्रैमासिक खरीद व्यवस्था को बदलकर अर्धवार्षिक आधार पर करने की प्रणाली स्थापित करना विचाराधीन है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने शिशु देखभाल किट्स में गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं को शामिल करने का निर्णय लिया है। सरकारी या निजी अस्पतालों में जन्मे नवजात शिशुओं को कुल 18 वस्तुएं इन किट्स के माध्यम से उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन किट्स में प्रदान की जाने वाली 18 वस्तुओं के नमूने सरकार को प्राप्त हो चुके हैं और विशेषज्ञों द्वारा गुणवत्ता परीक्षण के बाद इनके ऑर्डर दिए जाएंगे।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, मुख्यमंत्री के सलाहकार (इंफ्रास्ट्रक्चर) अनिल कपिल, एचपीएमएससीएल के प्रबंध निदेशक दिव्यांशु सिंगल, निदेशक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन जितेंद्र संाजटा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।