हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से संबंध रखने वाले सुनील शर्मा बेसहारा पशुओं की मदद करने व युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का काम बखूबी कर रहे हैं. एक निजी कंपनी में काम कर सालाना लाखों का पैकेज लेने वाले सुनील शर्मा ने सन 2009 में कंपनी छोड़ गौसेवा के क्षेत्र में समाजसेवा का काम अकेले ही तब शुरू किया था जब सड़क पर एक लाचार घायल अवस्था में गाय को देखा और उसके उपचार में मदद की, तभी से सुनील शर्मा ने बेसहारा व घायल गौवंश की सेवा करने की ठानी और प्रगति समाज सेवा समिति के नाम से एक एनजीओ की स्थापना कर भगेड़ चौक के समीप अपनी जमापूंजी से गौशाला की नींव रखी. वहीं गौशाला के निर्माण के बाद सुनील शर्मा को बिलासपुर जिला में कहीं भी किसी पशु के घायल होने की सूचना मिलती है तो वह पशुपालन विभाग के चिकित्सकों के साथ मिलकर घायल पशु का उपचार करते, उसे कुछ समय के लिए अपनी गौशाला में रखते व उसके खाने के लिए उचित घास की व्यवस्था करते और जब पशु ठीक हो जाता तो उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ देते. वहीं सुनील शर्मा की इस सेवा भावना को देखते हुए स्थानीय ग्रामीण भी घास व चारे के रूप में पशुओं की मदद के लिए आगे आने लगे हैं और एक पुला घास अभियान के साथ जुड़ते चले गए. एक ओर बेसहारा पशुओं के लिए काम कर रहे सुनील शर्मा ने मजदूर व गरीब तबके के बच्चों को भी समाजसेवा के साथ जोड़ने का काम किया है. सबसे पहले सुनील शर्मा ने बच्चों को योग व फिटनेस प्रशिक्षण प्रदान किया और शहर से लेकर पंचायतों में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये एक देश एक धर्म, नशा मुक्त समाज एवं जाति मुक्त समाज व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने का काम किया है.
इस बात की जानकारी देते हुए समाजसेवी सुनील शर्मा ने कहा कि सन 2009 से वह बेसहारा गौवंश की मदद व उपचार करने के लिए लगातार प्रयासरत है तो साथ ही करीब तीन वर्षो से इन बच्चों को कड़ा प्रशिक्षण देकर बिलासपुर जिला की विभिन्न पंचायतों में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर अपने स्टंटस के जरिये समाज को नशे से दूर रहने व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने का काम कर रहे हैं. वहीं सुनील शर्मा ने बताया कि इन बच्चों द्वारा विभिन्न पंचायतों में अभीतक 70 पौधे भी लगाए गए हैं जिन्हें वह नियमित रूप से पानी देते आ रहे हैं. वहीं सुनील शर्मा से जुड़े बच्चों का कहना है कि उनका यह सौभाग्य है कि इतनी छोटी उम्र में ही वह नशा मुक्त व पर्यावरण संरक्षण अभियान का हिस्सा बने है और समाज को जागरूक करने का संदेश देते आये हैं. साथ ही इन बच्चों का कहना है कि वह आगे भी सुनील शर्मा से जुड़े रहेंगे और समाज को जागरूक करने का काम करते रहेंगे. वहीं समाजसेवी सुनील शर्मा द्वारा सीमित साधनों के जरिये गौवंश के प्रति सेवा भावना और समाज के एक अच्छे नागरिक के रूप में जागरूकता अभियान चलाकर भावी पीढ़ी को उससे जोड़ना आज की युवा पीढ़ी के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है और सरकार व प्रशासन को चाहिए कि इस तरह समाजसेवा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे युवाओं को आगे बढ़ने के लिए सहयोग प्रदान करें ताकि वह देश-प्रदेश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनकर उभरें.