इन दिनों श्रावण मास चल रहा है और लोग देवाधिदेव भगवान शिव की आराधना में जुटे हैं। प्रतिदिन श्रद्धालु अलसुबह से शिव मंदिर पहुंचकर भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन कर रहे हैं। वहीं, श्रावण मास में नाग पूजा का भी विशेष महत्व रहता है। इसीलिए इस महीने नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार नाग पंचमी आगामी 13 अगस्त को हस्त एवं चित्रा नक्षत्र के साथ रवि योग में मनाई जाएगी।
इस बार नाग पंचमी पर रवि योग, हस्त एवं चित्रा नक्षत्र का संयोग है। बताया कि 12 अगस्त को हस्त नक्षत्र प्रात: 10.10 बजे से शुरू होगा, जो कि 13 अगस्त को प्रात: 9.07 बजे तक रहेगा। वहीं, 12 अगस्त को श्रावण शुक्ल पंचमी अपरांह 3.25 से प्रारंभ होगी, जो कि 13 अगस्त को दोपहर 1.42 बजे तक रहेगी, जबकि 13 अगस्त को रवि योग प्रात: 6.58 से 14 अगस्त की प्रात: 6.57 बजे तक रहेगा। इसी तरह 13 अगस्त को प्रात: 9.07 बजे से चित्रा नक्षत्र प्रारंभ होगा, जो 14 अगस्त को प्रात: 7.57 बजे तक रहेगा।
मप्र में उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में शिखर तल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट नाग पंचमी पर वर्ष में एक बार खुलते हैं। हर साल नाग पंचमी पर यहां लाखों श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करते हैं। मंदिर के पट 24 घण्टे सतत दर्शन के लिए खुले रहते हैं। इस वर्ष कोविड प्रोटोकाल के कारण मंदिर में भक्तों को दर्शन करवाए जाते हैं या ऑनलाइन दर्शन होंगे, इस बारे में अभी मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट नहीं किया है।
मंदिर के प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी के अनुसार, राज्य शासन ने 10 अगस्त तक कोविड प्रोटोकाल के तहत यथावत स्थितियां रखी है। आगामी दिनों में जैसे निर्देश प्राप्त होंगे, उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा। आज की स्थिति में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। यानी 10 अगस्त को कोरोना को स्थिति को लेकर प्रदेश सरकार जो भी निर्णय लेगी, उसके हिसाब से नाग पंचमी पर महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था रहेगी।