शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल कर रहा हिमाचल: केवल सिंह पठानिया…

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उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने आज यहां शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में ज़िला कांगड़ा में क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की समीक्षा की।
बैठक के दौरान उप-मुख्य सचेतक ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में शिक्षा क्षेत्र अभूतपूर्व प्रगति की ओर अग्रसर है। शिक्षा से कोई भी वर्ग वंचित न रहे इसके दृष्टिगत वर्तमान प्रदेश सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं जिनका लाभ कमजोर वर्गों को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के अधिकतम विद्यार्थियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना में संशोधन को मंजूरी दी है। संशोधन के अनुसार, स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर शिक्षा ऋण की सुविधा भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, लाभार्थी विद्यार्थी के परिवार की आय सीमा 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दी गई है। योजना के तहत मेधावी विद्यार्थी को 20 लाख रुपये तक शैक्षिक ऋण की सुविधा दी जाती है।
उप-मुख्य सचेतक ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की व्यवस्था परिवर्तन की मुहिम के तहत शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार किए जा रहे हैं। बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल निर्मित किए जा रहे हैं। पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम की शुरूआत की गई है और 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई आधारित बनाया जा रहा है। सरकार के इन सकारात्मक कदमों के फलस्वरूप हिमाचल को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है। वर्तमान में विद्यार्थी अध्यापक अनुपात में हिमाचल प्रदेश देशभर में अव्वल स्थान पर है। इसके अतिरिक्त, विद्यार्थियों और शैक्षणिक स्टाफ को शैक्षणिक भ्रमण पर विदेश भेजा जा रहा है जिससे वह दूसरे देशों की शिक्षा प्रणाली से रूबरू हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सीखने के परिणामों और सामुदायिक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए बैग-फ्री डे, स्थानीय बोली को बढ़ावा देना जैसी पहल की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं से 87 हजार से अधिक विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया है। डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना, मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना और कई अन्य योजनाओं के तहत दो वर्षों में 92 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। बाल पोषण आहार योजना के तहत 15,181 स्कूलों के 5.34 लाख से अधिक छात्रों को पौष्टिक भोजन प्रदान किया जा रहा है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों, विकलांग बच्चों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं के बच्चों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लिए कई अन्य योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिससे समावेशी शिक्षा सुनिश्चित हो रही है।
बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर सिंह, रजिस्ट्रार ज्ञान सागर नेगी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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