राज्यपाल ने भारत के विकास के लिए रचनात्मक आलोचना पर बल दिया…

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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन एवं पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यदि भारतीय राजनीति में दोष-निरीक्षण की जगह रचनात्मक आलोचना को अपनाया जाए, तो देश वर्ष 2047 से पहले ही एक विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त कर सकता है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता की सराहना करते हुए वर्ष 2047 तक एक विकसित और सशक्त भारत के निर्माण में रचनात्मक संवाद, नवीन शासन और सामाजिक उत्तरदायित्व की भूमिका पर बल दिया गया।

सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत/2047’ समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और सतत विकास का रोडमैप तैयार करना था। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके 75वें जन्मदिन पर बधाई दी और उनके दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना की।

राज्यपाल ने पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री के परिवर्तनकारी नेतृत्व की सराहना की और कहा कि उनके मार्गदर्शन में विकास यात्रा केवल शासन तक सीमित नहीं रही है, बल्कि एक जीवंत अनुभव बनी है। उन्होंने अपनी योजनाओं और नीतियों के माध्यम से लोगों के जीवन में परिवर्तन लाकर देश को सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भरता, नवाचार, सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण, स्वच्छ ऊर्जा और वैश्विक सहयोग पर केंद्रित पहलों की सराहना करते हुए कहा कि यह उपाय आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करेंगे।

श्री शुक्ल ने जीएसटी परिषद के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संसद में व्यवधान के बावजूद, जीएसटी परिषद ने कर-युक्तिकरणों को सर्वसम्मति से पारित करना जारी रखा, जिससे ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का उदाहरण प्रस्तुत हुआ।

उन्होंने प्रधानमंत्री जन-धन योजना की सफलता पर भी प्रकाश डाला और कहा कि जीरो बैलेंस पर बैंक में खाते खोले गए हैं, जिससे लोगों को उनके घर-द्वार के निकट बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध हो पाई हैं। इससे एक वर्ष के भीतर, संचित जमा राशि लगभग 56,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है जो भ्रष्टाचार-मुक्त शासन प्रणाली के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, उन्होंने हिमाचल प्रदेश में ‘नशामुक्त हिमाचल’ अभियान शुरू किया, जिस पर अब लगभग हर पंचायत में सक्रिय रूप से कार्य हो रहा है। राज्य को नशामुक्त बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन और कार्यों पर आधारित सात पुस्तकों का विमोचन किया।

असम के पूर्व राज्यपाल जगदीश मुखी ने भी कार्यक्रम के दौरान अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. जसीम मोहम्मद ने राज्यपाल का स्वागत किया।

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार, लेखक एवं सर्वार्थ सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. बसंत गोयल और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।


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