मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की सशक्त महिला ऋण योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत हिमाचल की स्थायी निवासी महिलाओं को अपने उद्यम स्थापित करने, आजीविका गतिविधियों को आरंभ करने, रोजमर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने तथा अपने परिवारों के उत्थान के लिए उपभोग्य सुरक्षा (कोलेटरल) मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने इस पहल के लिए बैंक के प्रयासों की सराहना करतेे हुए कहा कि यह ऋण सुविधा प्रदान कर बैंक ने प्रदेश की महिलाओं को सशक्त करने तथा उन्हें कठिन समय में पुनर्भुगतान न कर पाने की स्थिति में अपनी संपत्ति खोने के डर से मुक्त किया है।
उन्होंने कहा कि उपभोग्य सुरक्षा मुक्त ऋण इस योजना की अनूठी विशेषता है और इसके तहत ऋण के लिए आवेदन करने वाली पात्र महिलाओं को ऋण राशि के विरूद्ध जमानत के रूप में कोई संपत्ति या संपाशर््िवक प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि उपभोग्य सुरक्षा की शर्त हटाने से महिलाओं विशेषकर जिनके पास ऋण लेने के लिए जमानत के रूप में मूल्यवान संपत्ति नहीं होती है, उनकी मुख्य बाधा दूर होगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि महिलाओं को स्वरोजगार और आजीविका गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान देगी और उन्हें वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनने और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत बैंक 8.51 प्रतिशत की कम ब्याज़ दर पर 21000, 51000 तथा 1,01000 रुपये की ऋण सुविधा प्रदान कर रहा है। इसके अलावा यह योजना पात्र महिलाओं को आसानी से ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। योजना में मार्जिन मनी की आवश्यकता नहीं है और आवेदन प्रक्रिया भी सरल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक की इस नई पहल के माध्यम से ऋणी महिलाएं आत्मविश्वासी व आत्मनिर्भर बनेंगी और राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में सार्थक योगदान देंगी। उन्होंने कहा कि यह योजना समय पर पुनर्भुगतान करने पर पुरस्कृत करने और ऋणी महिलाओं को समय पर ऋण राशि चुकाने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी केंद्रित है।
इस अवसर पर बैंक के अध्यक्ष देवेन्द्र श्याम, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, बैंक के प्रबंध निदेशक शरवन मांटा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।