तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड से संबंधित मुद्दों पर गठित उप-समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बोर्ड लोगों को समयबद्ध बेहतर उपभोक्ता सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। बोर्ड द्वारा उपभोक्ताओं को और बेहतर कैशलेस एवं फेसलेस सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी और शिकायत निवारण प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।
उन्होंने बोर्ड को आत्मनिर्भर और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य संगठन बनाने के लिए रोड मैप तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बोर्ड के सभी पदों को कार्योन्मुखी आधार पर सुनिश्चित करके, आधुनिक प्रशिक्षण तकनीकों के माध्यम से कर्मचारियों की दक्षता को बढ़ाया जाएगा और फील्ड में तकनीकी सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
बोर्ड में कुछ पदों को समाप्त करने के बारे में उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग द्वारा बोर्ड को वित्तीय स्थिति में सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं। आयोग विद्युत क्षेत्र में सुधार और विद्युत दरों को निर्धारित करता है। आयोग ने बोर्ड को कर्मचारी लागत को कम करने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा 27 अप्रैल, 2023 को सभी डिसकॉम को सुधारों के लिए दिशा-निर्देशों जारी किए गए हैं। वर्तमान में बिजली की खरीद लागत 3.50 रुपये प्रति यूनिट है जबकि विद्युत आपूर्ति की वास्तविक लागत 6.79 रुपये प्रति यूनिट हैै। उन्होंने कहा कि देश में सबसे कम खरीद लागत होने के बावजूद उच्च कर्मचारी लागत होने के कारण उपभोक्ताओं को सस्ती विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणियों के पदों का युक्तिकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न पदों का यूक्तिकरण एक सामान्य प्रक्रिया है और बोर्ड द्वारा किसी भी इंजीनियर को पदों से नही हटाया गया है और इन पदों को समायोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए वित्तीय प्रबन्धन महत्वपूर्ण है और इस दिशा में ही उपभोक्ता हितैषी निर्णय लिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बोर्ड कर्मचारियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य इलैक्ट्रॉनिक्स विकास निगम सहित विभिन्न कम्पनियों से आउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारियों की सेवाएं सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि नई पर्यावरण हितैषी स्क्रैप पॉलिसी के तहत प्रदेश में ई-वाहनों के संचालन को बढ़ावा दिया जा रहा है और वर्ष 2018 और 2021 में बोर्ड द्वारा वाहन न खरीदने का निर्णय लिया गया था। इसी के दृष्टिगत बोर्ड द्वारा आउटसोर्स आधार पर चालकों की सेवाएं नहीं ली जा रही हैं।
बैठक में विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि बोर्ड को उपभोक्ता हितैषी बनाने की दिशा में निरन्तर कार्य किए जा रहे हैं।
इसके उपरान्त एचपीएसइबीएल के कर्मचारी और इंजीनियर्स के ज्वाइंट फ्रंट के साथ विभिन्न मुद्दों पर आयोजित बैठक के दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों से संबंधित मामलों को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बोर्ड की वित्तीय स्थिति और कार्य प्रणाली को सशक्त करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के इंजीनियर्स और कर्मचारी लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं और बोर्ड की वित्तीय स्थिति को सुधारने की दिशा में निरन्तर कार्यरत है।
बैठक में बोर्ड के प्रबन्ध निदेशक संदीप कुमार, कार्यकारी निदेशक ईशा ठाकुर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।