एक जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं। पुराने कानूनों की जगह भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ले लेंगे। नए नियमों में पुलिस को किसी भी रेड और जब्ती के मामले में वीडियो रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य कर दिया गया है। अब कोई भी व्यक्ति बिना थाने में जाए ई-एफआईआर करवा सकेंगे। पीड़ित व्यक्ति को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए अधिकार क्षेत्र की बाध्यता को नए कानूनों में खत्म कर दिया गया है। पीड़ित देश के किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज करवा पाएंगे। पुलिस कर्मचारी इससे मना नहीं कर सकेंगे। बुधवार को उपायुक्त कार्यालय के बचत भवन में गृह मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से कार्यशाला करवाई गई। इसमें बतौर मुख्यातिथि आईपीएस अधिकारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभिषेक त्रिवेदी ने शिरकत की। कार्यक्रम में स्रोत व्यक्ति के रूप में आईपीएस अधिकारी कमांडेंट एचपीएपी बटालियन जुन्गा रोहित मालपानी, राष्ट्रीय विधि विवि के प्रो. डॉ. गिरिश शुक्ला और एसोसिएट प्रो. डॉ. संतोष कुमार शर्मा मौजूद रहे।
आपराधिक कानून से जुड़े पीड़ित, गवाह और आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये पेश हो सकेंगे
नए कानून लागू होने के बाद किसी भी आपराधिक कानून से जुड़े पीड़ित, गवाह और आरोपी परीक्षण और निर्धारित जगह पर गवाही देेने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये पेश हो सकेंगे। किसी भी जांच की प्रगति के बारे में पुलिस को 90 दिनों के भीतर सूचित करना अनिवार्य होगा। निर्धारित समय में भीतर ईमेल के जरिये केस से जुड़े दस्तावेज प्राप्त किए जा सकते हैं। डॉ. संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि नए कानून 163 साल पुराने कानूनों की जगह लेंगे और इसका उद्देश्य दंड देना नहीं बल्कि न्याय देना है। प्रो. गिरीश शुक्ला नए कानूनों में लोगों को त्वरित न्याय दिलवाने के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स साक्ष्यों के इस्तेमाल से लोगों को त्वरित न्याय दिलवाने पर बल दिया गया है।
तीनों नए कानून लागू करने के लिए प्रदेश पुलिस विभाग पूरी तरह से तैयार
कार्यशाला के मुख्यातिथि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभिषेक त्रिवेदी ने कहा कि तीनों नए कानून लागू करने के लिए प्रदेश पुलिस विभाग पूरी तरह से तैयार है। इसकी विभाग लंबे समय से तैयारी कर रहा है। पुलिस के सभी स्तर के कर्मचारियों को इसको लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लोगों में नए कानूनों को लेकर जागरूकता लाने के लिए पहली जुलाई को पुलिस थानों में विशेष कार्यक्रम होंगे