अपनी भाभी को जान से मारने की कोशिश पर न्यायालय ने देवर को पांच साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी देवर को 10 हजार रुपये जुर्माना भरने को भी कहा गया है। यह सजा जिला व सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद की अदालत में आरोपित सतीश कुमार निवासी सनपेड़ा तहसील व थाना घनौर जिला सोनीपत हरियाणा को सुनाई गई है। जिला न्यायवादी भुवनेश मन्हास ने बताया कि 22 मई, 2011 को आरोपित सतीश कुमार ने पीड़िता को जान से मारने की कोशिश की। पीड़िता ग्रहणी है और अनपढ़ है। गर्मियों के समय में जब वह अपने मायके गई हुई थी, तभी वहां पर एक गाड़ी में बैठे आरोपी सतीश व उसके साथ एक अन्य व्यक्ति उसे रास्ते में मिले।
इस दौरान आरोपी सतीश ने पीड़िता को जबरदस्ती गाड़ी में बिठा लिया और कहा कि वह उसे घर छोड़ देगा। आरोपित ने गाड़ी पानीपत में अपने दोस्त के घर के बाहर पार्क कर दी और उसे एक बस में बिठा कर पालमपुर ले गया। पालमपुर में आरोपित पीड़िता को एक होटल में ले गया और उसे एक होटल के कमरे में छोड़कर चला गया। इसके करीब दो घंटे बाद आारोपित जब वापस होटल के कमरे में आया तो उसने कहा कि अब धर्मशाला चलते हैं। पीड़िता ने पैसे न होने की वजह से आरोपित की बात मान ली और उसके साथ चली गई। अनपढ़ता के कारण पीड़िता ने यह बात किसी को भी नहीं बताई। वहीं शाम को धर्मशाला में पहुंचने के बाद आरोपित ने बस स्टैंड में पहुंचकर पीड़िता के साथ झगड़ा शुरू कर दिया। वह पीड़िता को झाड़ियों में ले गया ओर जब पीड़िता ने उसका विरोध किया तो उसने गुस्से में आकर पीड़िता के दुपट्टे से ही उसका गला घोट दिया। इसकी वजह से वह बेहोश हो गई। उसके बाद उसे टांडा अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डाक्टर ने आरोपित की ओर से किए गए हमले को जान का खतरा बताया।
पीड़िता का टांडा में आठ से 10 तक इलाज हुआ। वहीं इसके बाद पीड़िता के बयान के अनुसार आरोपित ने उसके सभी गहने चोरी कर लिए थे। इसके बाद उसने यह घटना अपने पति वह अपने भाई को बताई तथा न्यायालय में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। इसके बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया। करीब 11 साल न्यायालय में चले इस मामले में 13 गवाह पेश किए गए। वहीं आरोपित पर दोष सिद्ध होने पर उसे पांच साल कैद की सजा सुनाई।