हिमाचल प्रदेश में बैंक संबंधित एक और घोटाला सामने आया है। मामला ऊना जिले स्थित कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक की शाखा का है। 19 करोड़ 50 लाख रुपए के घोटाले के संबंध में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने ऊना में एफआइआर दर्ज की है।
यह एफआईआर एक आईएएस अधिकारी सहित कुल 16 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई है। इसमें चार कंपनियां भी शामिल हैं। मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कांग्रेस सरकार के समय काल में ऊना जिले स्थित केसीसी बैंक द्वारा सब नियमों को ताक पर रखते हुए पंजाब की एक कंपनी को लोन दिया गया था।
जबकि पंजाब में उस कंपनी को डिफालटर करार दिया गया था। बावजूद इसके कंपनी को लोन दे दिया गया। इस मामले के संबंध में एसपी विजिलेंस कार्यालय धर्मशाला ने फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट तैयार की थी, जिसके आधार पर कुछ दिन पहले ही सरकार द्वारा विजिलेंस को केस दर्ज करने की औपचारिक स्वीकृति आई थी। इस पर कार्रवाई करते हुए एडीजीपी विजिलेंस ने स्वीकृति एसपी नार्थ रेंज को भेजी थी। उन्होंने इस संबंध में ऊना विजिलेंस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वहीं, मामला ऊना जिले से जुड़ा है तो इसके संबंधित केस भी ऊना जिले में ही फाइल हुआ है।
इस संबंध में मामला दर्ज करने की मंजूरी से जुड़ी फाइल सचिवालय में बड़े बाबुओं के पास औपचारिकताओं के फेर में फंसी थी। काफी समय के बाद सचिवालय से फाइल राज्य विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो मुख्यालय आई।
फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के आधार पर प्रारंभिक जांच के अनुसार कर्ज आवंटन में अनियमितताएं पाई गई हैं। महिला आइएएस अधिकारी भी केसीसी बैंक की प्रबंधक निदेशक रही हैं। जैसे ही नियमित जांच आरंभ होगी, इनसे भी पूछताछ होगी। नियमों के खिलाफ कर्ज कैसे बांटा, नियमित जांच में सभी पहलुओं को देखा जाएगा।
प्रदेश सरकार गद्दी समुदाय के कल्याण के लिए कृतसंकल्पः जय राम ठाकुर
Sun Dec 12 , 2021