ऊना में कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की ब्रांच में 80 लाख रुपये का जाली ऋण फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह मामला ऊना को-ऑपरेटिव बैंक की ब्रांच का है। इसमें 20-20 लाख रुपये के जाली ऋण 4 व्यक्तियों के नाम बना दिए गए। जो कांगड़ा जिला के धमेटा गांव के हैं। अब विजिलेंस ने जांच में आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई की है।
इस संबंध में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने ऊना कॉलेज ब्रांच के तत्कालीन बैंक मैनेजर कमल देव भोगल और उनके सहयोगियों संदीप कुमार व दिनेश डेविट के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि 2017 में कांगड़ा बैंक की इस ब्रांच में तत्कालीन बैंक मैनेजर ने कमल देव भाेगल ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर धमेटा के एक परिवार के 4 व्यक्तियों के जाली दस्तावेज तैयार करवाए। फिर उन्हें बताए बिना 20-20 लाख रुपये के 4 ऋण स्वीकृत किए। इसके बाद 80 लाख रुपये का गबन कर लिया गया। 2019 में धमेटा के उक्त परिवार को जाली ऋण फर्जीवाड़े का पता चला, जब उन्हें बैंक ने नोटिस भेजे। इसके बाद उक्त परिवार के लोगों ने बैंक अधिकारियों से संपर्क किया और कोई ऋण न लेने की बात कही।
इसके बाद कांगड़ा बैंक प्रबंधन ने अपने स्तर पर मामले की जांच करवाई। 2021 में कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के AGM विनोद कुमार ने स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ऊना थाना में शिकायत पत्र दिया। इसके बाद विजिलेंस ने मामले की जांच शुरू की। विजिलेंस जांच में AGM द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए। जिस पर विजिलेंस ने तत्कालीन मैनजर और उसके 2 अन्य सहयोगियों पर मामला दर्ज किया है।
उधर, स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो नॉर्दन रेंज के SP बलवीर ठाकुर ने कहा कि इस संबंध में धारा 409, 467, 471, 477ए औा 120 बी, सेक्शन 13 (1) (A) R/W 13(2) ऑफ PC एक्ट के तहत केस रजिस्टर्ड किया गया है। विजिलेंस मामले की जांच कर रही है। इसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।