डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी की पूर्व छात्रा नैन्सी सागर मेहनत आखिरकार रंग लाई है। नैंसी ने फ्रांस से पीएचडी (PhD) करने के लिए फेलोशिप (fellowship) हासिल की है। अब नैन्सी फ्रांस पहुंच गई है और आईएनआरएई (INRAE) फेलोशिप के तहत ऑरलियन्स विश्वविद्यालय से वन आनुवंशिकी (Forest genetics) में पीएचडी करेगी।
पीएचडी के दौरान, उन्हें मेडिकल रिम्बर्समेंट (Medical reimbursement) के साथ लगभग 70 लाख रुपये की कुल छात्रवृत्ति मिलेगी। नैन्सी वन ट्री लार्च प्रजाति पर आधारित परियोजना में काम करेगी। इस परियोजना के तहत पेड़ की वृद्धि के लिए आनुवंशिकी, जीनोमिक्स और शरीर क्रिया विज्ञान में विशेषज्ञता रखने वाले संयुक्त एकीकृत जीव विज्ञान अनुसंधान इकाई के 20 वैज्ञानिकों की एक टीम के साथ काम करने का मौका मिलेगा। INRAE फ्रांस का राष्ट्रीय कृषि, खाद्य और पर्यावरण अनुसंधान संस्थान है
नैन्सी ने 2018 में विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, नेरी से बीएससी वानिकी और आईसीएआर की नेशनल टैलेंट स्कीम के तहत यूएएस धारवाड़ से फॉरेस्ट बायोलॉजी, ट्री इम्प्रूवमेंट एंड जेनेटिक रिसोर्सेज में एमएससी की है। इससे पहले नैंसी नेरी महाविद्यालय में चल रही शोध परियोजना में जूनियर रिसर्च फेलो के रूप में काम कर रही थी। INRAE द्वारा फॉरेस्ट जेनेटिक्स में स्कॉलरशिप के साथ पीएचडी के लिए नैंसी ने आवेदन किया था। नैंसी साक्षात्कार में सफल रही और उन्हें ऑरलियन्स विश्वविद्यालय में पीएचडी करने के लिए तीन साल के लिए फेलोशिप प्रदान की गई है।
नैंसी के पिता सत्य प्रकाश सागर (सेवानिवृत्त एसडीओ बीएसएनएल) और बीएसएनएल में एसडीओ के पद पर कार्यरत है जबकि माताजी मोनिका सागर गृहणी है। उन्होंने कुलपति डॉ. परविंदर कौशल, डीन डॉ. कमल शर्मा और डॉ. दुष्यंत शर्मा, परियोजना अन्वेषक और विश्वविद्यालय के सभी स्टाफ को उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन सहित सभी स्टाफ और छात्रों ने नैंसी को बधाई दी और उनकी सफलता की कामना की।