क्या है आदर्श आचार संहिता?
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा कुछ नियम बनाए जाते हैं। इन नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान सभी पार्टियों, नेताओं और सरकारों को इन नियमों का खासतौर पर पालन करना होता है।
गुरुवार से आदर्श आचार संहिता खत्म होने जा रही है।
अब शहर में 144 धारा नहीं रहेगी और न सामाजिक कार्यक्रम में बैंड-बाजा के लिए प्रशासन ने अनुमति लेनी होगी। कल से कर्मचारियों के अवकाश पर रोक भी हटा दी जाएगी। साथ ही, नए राशन कार्ड बनाने का काम शुरु होगा और नई पेंशन स्कीम भी शुरू होगी।
इन चीजों से हटेगी पाबंदी
- नई भर्ती और नई परीक्षाओं का आयोजन किया जा सकता है।
- शराब ठेकों और तेंदु के पत्तों की नीलामी आदि की जा सकती है।
- आचार संहिता हटने के बाद विज्ञापन, होर्डिंग और पोस्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सरकारी योजनाओं की घोषणा, शिलान्यास और उद्घाटन भी किया जा सकता है।
- सुबह 6:00 बजे से पहले और शाम 10 बजे के बाद जनसभाओं पर लगी रोक हट जाएगी।
- सरकार अधिकारियों का तबादला कर सकती है।
- अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समेत अन्य मीडिया पर सरकारी खर्चे से विज्ञापन जारी किया जा सकता है।
- राज्य दिवस पर मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री शामिल हो सकते हैं और राजनीतिक भाषण भी दे सकते हैं। तीनों का फोटोयुक्त विज्ञापन भी जारी किया जा सकता है।
- राज्यों के मुख्यमंत्री दीक्षांत समारोह में भाग ले सकते हैं।
- मंत्री सायरन और बीकन प्रकाश वाली पायलट कार का इस्तेमाल कर सकते हैं।