एचआरटीसी को नए 565 कंडक्टर मिले हैं, ऐसे में निगम में चल रही कंडक्टरों की कमी पूरी होगी। निगम को नए कंडक्टर मिलने से प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कंडक्टरों की कमी के कारण बंद पड़े रूट भी शुरू होंगे, जिससे प्रदेश के हरेक कोने में यात्रियों को बस सुविधा सुविधा मिलेगी। निगम ने शुक्रवार को 565 कंडक्टरों की अनुबंध पर नियुक्ति को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। वहीं प्रदेश के 30 बस डिपो में भी नियुक्तियां दे दी हैं। अब ये परिचालक अपने डिपुओं में पहुंच कर दस्तावेज प्रक्रिया पूरी कर बसों में चढ़ेंगे और सेवाएं देंगे। निगम की ओर से जारी अधिसूचना के तहत अनुबंध पर की गई नई नियुक्तियों में कंडक्टरों को 5910+2400 ग्रेड और 8310 रुपए मासिक वेतन मिलेगा। निगम द्वारा कंडक्टरों की गई नियुक्तियों में प्रदेश के सभी बस डिपुओं में रिक्त पदों पर कंडक्टर तैनात किए गए हैं। नए कंडक्टरों की भर्ती से मौजूदा समय में सेवाएं दे रहे कंडक्टरों को भी राहत मिलेगी और उन्हें अधिक ओवर टाइम नहीं करना होगा।
नियुक्ति के इंतजार में थे उत्तीर्ण अभ्यर्थी, 18 अक्तूबर, 2020 को हुई थी परीक्षा
कंडक्टर भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थी पिछले कई महीनों से नियुक्तियों का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में अब अभ्यॢथयों का इंतजार खत्म हो गया है। कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर से एचआरटीसी को नए कंडक्टरों की नियुक्ति के लिए रिक्मैंडशन मिलने के बाद निगम प्रबंधन ने नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी थी। प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने 30 सितम्बर को पोस्ट कोड 762 के तहत हिमाचल परिवहन निगम बस परिचालक भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया था और मैरिट के आधार पर 565 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था, जबकि स्वतंत्रता सेनानी, ओबीसी का एक और एससी आरक्षित श्रेणी के 2 पद समेत कुल 3 पद खाली रह गए थे। आयोग ने एचआरटीसी बस कंडक्टर के 568 पदों को भरने के लिए दिसम्बर 2019 में आवेदन मांगे थे। आवेदन आने के बाद आयोग ने 18 अक्तूबर, 2020 को लिखित परीक्षा का आयोजन किया था। लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 1882 अभ्यर्थियों को आयोग ने 23 मार्च, 2021 से 15 अप्रैल, 2021 तक और उसके बाद 18 से 19 जून, 2021 तक आयोजित 15 अंकों की मूल्यांकन परीक्षा के लिए बुलाया था।
विवादों में रही थी कंडक्टर भर्ती, 14 माह बाद हुई पूरी
लिखित परीक्षा के दौरान नकल के 2 मामले सामने आने पर काफी विवाद हुआ था। कांगड़ा जिले के शाहपुर और शिमला जिले के परीक्षा केंद्रों में नकल के मामले सामने आए थे। इस मामले में पुलिस में केस तक दर्ज हुआ। पुलिस विभाग की लंबी जांच और सब डिवीजन एग्जाम को-ऑर्डीनेटर की रिपोर्ट के बाद प्रदेश सरकार को यह मामला भेजा गया था, जिसके बाद कर्मचारी चयन आयोग ने रिजल्ट घोषित कर दिया था। ऐसे में 14 माह बाद कंडक्टर भर्ती पूरी हुई है।