हिमाचल में पंचायतीराज विभाग में विलय की मांग को लेकर 30 सितंबर से हड़ताल कर रहे जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों पर प्रदेश सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। वीरवार को सरकार ने हड़ताल पर चल रहे 167 कनिष्ठ अभियंताओं (जेई) की एक साथ सेवाएं समाप्त कर दीं। इस बारे में सभी जिलों के एडीसी को पत्र जारी किाय गया है। पत्र में कहा गया है कि 18 अक्टूबर तक काम पर लौटने का नोटिस मिलने के बाद भी चूंकि ये नहीं माने, इसलिए इन कर्मियों को हटाकर उनकी जगह आउटसोर्स पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाए।
बता दें कि पंचायतीराज विभाग में विलय की मांग को लेकर 30 सितंबर से प्रदेश के 88 विकास खंडों में सेवाएं दे रहे में करीब 4,700 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। अपनी मांग को मनवाने के लिए कर्मचारी हर स्तर पर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। विकास खंड स्तर पर हड़ताल कर रहे जिला परिषद कैडर के कर्मियों को पंचायत प्रतिनिधि भी समर्थन दे रहे हैं। यहां की सैकड़ों कर्मचारी शिमला में प्रदेश सचिवालय के बाहर भी मांग मनवाने के लिए प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
फंस सकता है कानूनी पेंच
इस बीच, सरकार के इस फरमान के खिलाफ जिला परिषद कर्मचारी कोर्ट का रुख कर सकते हैं। जिला परिषद कैडर के कर्मचारी पंचायती राज विभाग के तहत नहीं आते। बर्खास्तगी का आदेश पंचायती राज विभाग का है। ऐसे में इस मामले में कानूनी पेंच (Legal Hurdle) फंस सकता है। फिलहाल हड़ताल पर बैठे जिला परिषद काडर के कर्मचारियों में जेई के अलावा पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक और अन्य श्रेणियों के कर्मचारी भी शामिल हैं। कर्मचारियों का कहना है कि अगर हिमाचल सरकार मर्जर की समयावधि तय कर दे तो वे हड़ताल वापस ले लेंगे।