उप मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हिमाचल के प्रतिनिधिमंडल ने ऑस्ट्रिया व स्विट्जरलैंड में रोपवे परिवहन प्रणाली का अध्ययन किया

Avatar photo Spaka News
Spaka News

रोपवे परिवहन के अध्ययन के लिए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के एक प्रतिनिधिमंडल यूरोप के ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड की सात दिनों की यात्रा पर है। प्रतिनिधिमंडल यूरोप के एल्पाइन क्षेत्र में इंटर एलपाइन शो में भाग ले रहा है।
प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम तथा निदेशक रोपवे अजय शर्मा शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने इंटर एलपाइन का दौरा किया जहां विश्व के शीर्ष रोपवे निर्माता कंपनियों द्वारा हिमस्खलन नियंत्रण उपकरण, स्नो ग्रूमिंग मशीन इत्यादि में उपयोग की जा रही नवीनतम तकनीक और नवाचार को प्रदर्शित किया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियां यूरोप के एल्पाइन क्षेत्र के समान है, इसलिए इन तकनीकों को अपनाने की क्षमता का गहन अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने शिमला में 1543 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली 15 किलोमीटर लंबी शहरी रोपवे परियोजना में नवीनतम और सबसे सुरक्षित तकनीक अपनाने पर बल देते हुए कहा कि इस परियोजना में 15 बोर्डिंग और डिबोर्डिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने परियोजना कार्य में शीघ्रता से कार्य करने पर जोर देते हुए सभी वैश्विक रोपवे निर्माताओं को वैश्विक निविदा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
इस दौरान ऑस्ट्रिया में मुकेश अग्निहोत्री व मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ने केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भी भेंट की।
रोपवे की शीर्ष विश्व निर्माता कंपनियों ने उप मुख्यमंत्री और प्रतिनिधिमंडल से भेंट की और उन्हें नवीनतम तकनीकों और राज्य के लिए उनकी उपयुक्तता से अवगत कराया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को अपनी तकनीक हस्तांतरित करने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि इससे राज्य के शहरी, दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण अनुकूल समाधान प्रदान करते हुए हिमाचल को एक शीर्ष पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।


Spaka News
Next Post

पीआरएसआई, शिमला चैप्टर और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस आयोजित।

Spaka Newsएपीजी शिमला विश्वविद्यालय में आज राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस 2023 पीआरएसआई शिमला चैप्टर और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रो चांसलर डॉ रमेश चौहान ने की ।  इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ चौहान ने कहा कि भारत वर्ष एक दिसंबर,2022 से नवंबर 2023 तक शक्तिशाली समूह जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है । उन्होंने कहा कि भारत द्वारा आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर विशेषज्ञ द्वारा वैश्विक देशों  के इस बड़े समूह की अध्यक्षता के कई मायने हैं । सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह वैश्विक मंच भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाने की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। डॉ चौहान ने कहा कि इस समूह में विश्व के तमाम विकसित देश शामिल हैं जिनकी विश्व सकल घरेलू उत्पाद में करीब 85% की भागीदारी है, ऐसे में प्रत्येक भारतीय को इस सुनहरे अवसर की अहमियत को पहचानते हुए देश में तेजी से बढ़ते कद देश के देश में तेजी से बढ़ते कद को लेकर गोरा ऐसे में प्रत्येक भारतीय को इस सुनहरे अवसर की अहमियत को पहचानते हुए देश में तेजी से बढ़ते कद को लेकर गौरवान्वित महसूस करना चाहिए।उन्होंने कहा कि भारत को G 20 की अध्यक्षता मिलना इस बात को दर्शाता है कि भारत वैश्विक ताकतों  के बीच विश्व नेता बन कर उभरा है।डॉ चौहान ने कहा कि भारत वर्ष पुरानी काल से अपने नैतिक एवं जीवंत और उच्च मूल्यों के लिए विश्व भर में विख्यात रहा है ।उन्होंने कहा कि हमारे संत आदि शंकराचार्य ने अपने व्याख्यान से जनमानस को प्रेरित किया और 4 पीठों की स्थापना की। वरिष्ठ पत्रकार एवं प्राध्यापक डॉ अश्विनी शर्मा ने उभरते हुए युवा पत्रकारों  को आह्वान किया कि वे पत्रकारिता के उच्च मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों का अनुसरण करें ।उन्होंने कहा कि हाल ही में धर्मशाला में हुए जी-20 सम्मेलन में दूरदराज क्षेत्रों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को जीत के प्रतिनिधियों को उपहार के तौर पर देखकर हिमाचल की समृद्ध संस्कृति को वैश्विक पटल पर पहुंचाने का सार्थक प्रयास किया गया , इससे हिमाचल की समृद्ध संस्कृति परिलक्षित हुई जिससे जी- 20देशों के प्रतिनिधियों ने पसंद किया । उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए भारत में तैयार की गई तीन वैक्सीन ना केवल भारतवर्ष के लोगों के लिए कवच बनी, बल्कि दूसरे देशों के लोगों के लिए भी जीवनदायिनी सिद्ध हुई।उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में तैयार इन तीनों वैक्सीन पर सर्व जन सुखाय, सर्व जन हिताय लिखा हुआ है, यानी सब लोग स्वस्थ और निरोगी रहें । उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से वासुदेव कुटुंबकम यानी पूरा विश्व एक परिवार की अवधारणा भारत की संस्कृति की रही है, जिसे हमें भविष्य में भी कायम रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कई Spaka News

You May Like