हिमाचल प्रदेश में बांध सुरक्षा तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए आज यहां एक उच्च स्तरीय वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता निदेशक एवं विशेष सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबंधन) डी.सी. राणा ने की। बैठक में आगामी मानसून मौसम को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय जल आयोग के दिशा-निर्देशों तथा डैम सेफ्टी एक्ट, 2021 के अनुसार सुरक्षा मानकों के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई।
बैठक में वर्चुअल माध्यम से राज्य के 23 संबंधित बांध प्राधिकरणों तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग के अधिकारी उपस्थित थेे। इस दौरान प्रमुख बांधों की संरचनात्मक एवं संचालनात्मक सुरक्षा पर महत्वपूर्ण तथ्य एवं आंकड़े शामिल करते हुए विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके अतिरिक्त निवारक रखरखाव, आपातकालीन कार्य योजना के कार्यान्वयन तथा प्रतिकूल मौसम की स्थिति में समयबद्ध एवं प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए समन्वय तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
बैठक में डैम सेफ्टी एक्ट, 2021 और केंद्रीय जल आयोग के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत आवश्यक सुरक्षा उपायों की वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा की गई, जिनमें अर्ली वार्निंग सिस्टम (हूटर्स और वॉयस मैसेजिंग सिस्टम) की स्थापना एवं कार्यशीलता, डैम ब्रेक एनालिसिस, स्वचालित मौसम स्टेशन का प्रावधान तथा प्रत्येक बांध की बैराज और नियंत्रण कक्ष में आई-सैट फोन और डॉकिंग स्टेशन की व्यवस्था शामिल है।
इस दौरान सभी संबंधित पक्षों को निर्देश दिये गए कि वे स्थापित सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें और पूरे मानसून अवधि के दौरान उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखें।
डी.सी. राणा ने मजबूत अंतर-विभागीय संचार, रीयल-टाइम निगरानी और संवेदनशील डाउन स्ट्रीम समुदायों तक समय पर चेतावनी पहुंचाने के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आपदा जोखिम न्यूनीकरण और जन-धन की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।