हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के राजगढ़ उपमंडल में 18 साल के युवक ने हमउम्र युवती को मौत के घाट उतारने की खौफनाक साजिश रच डाली। पहले 18 साल की अंजली को राजगढ़ के सनौरा के समीप जंगल में मिलने बुलाया। करीब दो-अढ़ाई घंटे साथ भी बिताए। इसके बाद पबियाना के 18 वर्षीय आदित्य उर्फ लवली ने गला घोंट कर अंजली को मौत की नींद सुला दिया।
5 अगस्त की रात पुलिस को जंगल में अज्ञात शव मिलने की सूचना मिली। प्रथम दृष्टया में ही पुलिस ने ये मान लिया था कि अंजली की हत्या हुई है, क्योंकि उसके गले में लेडीज पर्स की बैल्ट बंधी हुई थी। चूंकि ये बैल्ट ढीली थी, लिहाजा पुलिस को ये भी लग रहा था कि अंजली की गला घोंटकर हत्या की गई है। शव का पोस्टमार्टम नाहन मेडिकल कॉलेज में करवाया गया।
सीसी फुटेज मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस का शक आदित्य की तरफ घूम गया। चूंकि आदित्य का फोन लगातार बंद आ रहा था, लिहाजा पुलिस का शक भी यकीन में बदल गया। आखिर में बीती शाम पुलिस ने आदित्य को सराहां के समीप ल्वासा चौकी से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली।
मूलतः शिमला के कुपवी की रहने वाली अंजली सोलन के ओच्छघाट में अपनी मां के पास आई थी। 5 अगस्त की दोपहर साढ़े 3 बजे घर से निकल गई थी। सरकारी विभाग में तैनात पीड़िता की मां ने पुलिस को बताया कि वो अपने किसी दोस्त को मिलने के लिए घर से निकली थी।
फिलहाल पुलिस ने पीड़िता की शारीरिक प्रताड़ना की संभावना से इंकार किया है, लेकिन पुलिस के सामने हत्या के मोटिव को तलाशने की चुनौती जरूर बची है। चूंकि वारदात में हथियार का इस्तेमाल नहीं हुआ है, लिहाजा इसकी रिकवरी भी नहीं होनी है। केवल वजह की जांच के बाद केस न्यायिक प्रक्रिया में जा सकता है। बताया जा रहा है कि हाल ही में पीड़िता ने जमा दो की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।आरोपी युवक को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस रिमांड में लेने के बाद ही इस बात का पता लगेगा कि आरोपी ने अचानक ही युवती की हत्या क्यों कर दी। एक सवाल के जवाब में डीएसपी ने ये भी माना कि पुलिस को पीड़िता के गले में लेडीज पर्स की बैल्ट मिली तो यही बात शक की वजह बनी।
क्या ये भी था षडयंत्र…
पीड़िता के शव पर निशान नहीं थे। गले में लेडीज पर्स की बैल्ट थी। सवाल ये उठता है कि क्या आरोपी ने ये दिखाने का प्रयास किया कि अंजली ने पर्स की बैल्ट को गले में बांधकर आत्महत्या की है। बेशक चालाकी कुछ भी हो, लेकिन खाकी गुनाहगार के गिरेबान तक पहुंच ही जाती है।
उधर, पुलिस ने इस पहलू को भी नजरअंदाज नहीं किया है कि वारदात को अंजाम देने में आरोपी ने किसी अन्य व्यक्ति की मदद ली थी या नहीं।