शारदीय नवरात्र का सात अक्तूबर दिन गुरुवार से आगाज हो रहा है। मंदिरों की सजावट का कार्य जोर शोर शुरु हो गया है। घर-घर श्रद्धालु मां भगवती की पूजा-अर्चना के लिए तैयारियों में जुटे हैं। बिलासपुर जिले के विश्वविख्यात नयना देवी मंदिर में इस बार डेढ़ वर्ष के बाद शारदीय नवरात्र कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। 7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो जाएंगे लेकिन कुछ पाबंदियों के साथ ही श्रद्धालु मंदिर पहुंच पाएंगे। जैसे श्रद्धालु हवन कुंड में आहुतियां तो डाल सकेंगे, लेकिन यहां पर बैठकर हवन करने पर मनाही होगी।
शारदीय नवरात्रि के दिनों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नयना देवी क्षेत्र को 9 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। 6 सेक्टरों में अधिकारी सेवाएं देंगे। डीएसपी नयना देवी पूर्ण चंद्र को पुलिस मेला अधिकारी और एसडीएम श्री नयना देवी को मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय ने बताया कि श्री नयना देवी मंदिर में प्रसाद चढ़ाने पर मनाही रहेगी। श्रद्धालु कुंड मैं बैठकर हवन तो नहीं कर पाएंगे, लेकिन प्रसाद की आहूति डाल सकेंगे। हाथ में डोरी बांधने, मुंडन करने, लंगर लगाने और प्रसाद चढ़ाने पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहेगी।
मंदिर अधिकारी विजय गौतम ने बताया कि नवरात्रों के दौरान लगभग 150 अस्थाई कर्मचारियों रखे जाएंगे, जो विभिन्न कार्यभार संभालेंगे। श्रद्धालुओं को RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट तथा दोनों वैक्सीन की डोज का प्रमाण दिखाना होगा, तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा। इसके अलावा अगर रैपिड एंटीजन टेस्ट की जरूरत पड़ेगी तो वह भी मौके पर ही किया जाएगा।