सिरमौर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत सरकारी डिपुओं से उपभोक्ताओं को दिए जा रहे नमक में जिंदा व मरे हुए कीड़े पाए गए हैं। मार्च महीने में सिरमौर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा रैंडम गोदाम से नमक के सात सैंपल लिए गए थे। इन्हें जांच के लिए कंडाघाट की प्रयोगशाला में भेजा गया था।
एक सैंपल की रिपोर्ट के मुताबिक नमक में कीड़े पाए गए। साथ ही सोडियम क्लोराइड की मात्रा भी खाद्य सुरक्षा के मानकों पर सही नहीं थी। खाद्य सुरक्षा विभाग ने तुरंत ही स्टाक की बिक्री को रोकने के आदेश जारी किए। साथ ही सिरमौर में सरकारी डिपुओं से स्टाक को लिफ्ट कर लिया गया है। रिपोर्ट मिलते ही इसकी सूचना नागरिक खाद्य एवं आपूर्ति निगम को भी भेज दी गई, ताकि प्रदेश के अन्य हिस्सों से भी स्टाक की बिक्री को रोका जा सके।
बता दें कि प्रयोगशाला की रिपोर्ट में नमक को उपयोग के लिए घटिया व असुरक्षित घोषित किया गया है। प्रयोगशाला विश्लेषण में नमक के भीतर जीवित व मृत कीड़े पाए गए हैं। इस नमक की सप्लाई गुजरात की फर्म द्वारा की गई थी। सरकारी डिपुओं में ये नमक ‘अंकुरÓ ब्रांड से उपलब्ध था। बताया जा रहा है कि सात सैंपल में सरकारी गोदाम से दाल, रिफाइंड तेल इत्यादि के भी सैंपल लिए गए थे। छह सैंपल की रिपोर्ट सही पाई गई है।
उधर, खाद्य सुरक्षा विभाग ने नमक का उत्पादन करने वाली कंपनी के खिलाफ भी कानूनी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के आधार पर बाकी तथ्य जुटाए जा रहे हैं, ताकि आरोप पत्र को कोर्ट में दाखिल किया जा सके। खाद्य सामग्री से जुड़े इस तरह के संगीन मामलों में फूड सेफ्टी विभाग द्वारा अदालत में चार्जशीट दाखिल की जाती है। दोषी पाए जाने पर सख्त सजा के प्रविधान होते हैं। दीगर है कि कुछ अरसा पहले नाहन शहर के एक नामी कारोबारी की दुकान पर देश की एक नामी नमक उत्पादक कंपनी ने दबिश दी थी। इस दौरान व्यापारी के थोक गोदाम से नकली नमक की खेप बरामद हुई थी।
जिला सिरमौर खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त डा. अतुल कायस्थ ने कहा कि रिपोर्ट मिलते ही सिविल सप्लाई कारपोरेशन को सरकारी डिपुओं से नमक की बिक्री को रोकने के निर्देश दे दिए गए थे। कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। उचित मूल्य की दुकानों में सप्लाई किए जा रहे नमक में जिंदा व मृत कीड़े पाए गए हैं।