शिमला 24 फरवरी 2024 अब तक सात आरोपी किए गिरफ्तार, कांगड़ा, सोलन, शिमला और मंडी जिला से भी जुड़े हैं मामले के तार शातिर खुद को बताता था सचिवालय में सचिव; तो कभी निदेशक, आरोपियों के बैंक खातों की डिटेल खंगाल रही पुलिस की टीम
प्रदेश सचिवालय में चपरासी और क्लर्क की नौकरी के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने के मामले में पुलिस की जांच में आरोपियों के बैंक खाते से एक करोड़ से अधिक की मनी ट्रेल मिली है। पुलिस की टीम ने आरोपियों के बैंक खाते सीज किए हैं। अभी तक एक बैंक खाते से करीब एक करोड़ 40 लाख रुपए की मनी डिटेल मिली है। बताया जा रहा है कि फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने का मुख्य आरोपी परीक्षित आजाद खुद को सचिवालय में कभी प्रधान सचिव, तो कभी निदेशक पद पर कार्यरत बताता था। शातिर ने कई लोगों को नौकरी देने के झांसे में फंसाकर ठगा है। शिमला पुलिस की टीम ने फर्जी नियुक्ति पत्र मामले में कार्रवाई करते हुए अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अब तक की जांच में फर्जी नियुक्ति पत्र मामले के तार कांगड़ा, सोलन, शिमला और मंडी जिला से जुड़े हैं। फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने के मामले में पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने नौकरी के नाम पर कई युवाओं को ठगा है और उनसे लाखों रुपए लिए हैं। बताया जा रहा है कि आरोपियों के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज है।
पुलिस ने मामले में शिमला के कोटखाई निवासी आरोपी परीक्षित आजाद को गिरफ्तार किया था। पुलिस अब पता लगा रही है कि ठगी से रैकेट में कौन-कौन लोग शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के बैंक खाते सीज कर दिए हैं। अब तक पुलिस की जांच में मुख्य आरोपी के बैंक खाते से करीब एक करोड़ 40 लाख रुपए की मनी ट्रेल मिली है।