ऊना जिले के उपमंडल गगरेट के गांव घनारी में स्वां नदी के किनारे झुग्गियों में रविवार दोपहर बाद अचानक आग लग गई, जिससे करीब 18 झुग्गियां राख हो गईं। आग लगने से 18 परिवारों के करीब 70 लोग बेघर हो गए हैं। जब तक दमकल वाहन मौके पर पहुंचे, तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका था। जानकारी के अनुसार इन झुग्गियों में रहने वाले सभी मजदूर उस समय काम पर गए हुए थे और बच्चे झोंपड़ियाें के बाहर खेल रहे थे तभी किसी झोंपड़ी के अंदर अचानक सुलगी आग ने विकराल रूप ले लिया और देखते ही देखते 18 झुग्गियां आग की भेंट चढ़ गईं। शोर सुनकर स्थानीय लोगों व पीड़ित मजदूरों ने वहां पहुंच कर बच्चों को बचा लिया अन्यथा कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था। झुग्गियों के ऊपर से गुजरती बिजली की तारें भी आग की चपेट में आ गईं, जिससे बिजली विभाग को भी नुक्सान पहुंचा है। विद्युत कर्मियों पवन, वरिंद्रर व नरपाल आदि ने विद्युत आपूर्ति तुरंत काट दी अन्यथा हादसा और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता था।
प्रशासन से की फौरी सहायता की मांग
उधर, ग्राम पंचायत प्रधान सरदार कर्म सिंह ने बताया कि स्थानीय लोगों के सहयोग से व ङ्क्षचतपूर्णी और अम्ब से पहुंचे फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने आग पर नियंत्रण पाया, अन्यथा आग का कहर और ज्यादा बढ़ सकता था। उन्होंने बताया कि इस आग से शंभू साहनी, रमेश साहनी, रामनाथ साहनी, नितलेश पासवान, अजीत साहनी, तित्तर साहनी, बुधना साहनी, रामधारी पासवान, अनिल साहनी, दिलीप साहनी, भारत साहनी, गणेश साहनी, प्रकाश, उमेश साहनी, शंभू ठाकुर, रणजीत साहनी, महेश साहनी एवं सत्यनारायण आदि की झुग्गियां पूरी तरह जल गई हैं। मजदूर रामधारी के अनुसार उसके 15 हजार रुपए आग में जल गए हैं, जबकि अन्य मजदूरों ने भी नकदी, राशन, कपड़े, बिस्तर एवं अन्य सामान जलने की बात कही है। स्थानीय लोगों ने जहां राहत कार्यों में हाथ बंटाया, वहीं प्रशासन से शीघ्र पीड़ित मजदूरों को फौरी सहायता एवं राशन प्रदान करने की मांग की है।
नुक्सान का आकलन कर रहा प्रशासन
उधर, मौके पर पहुंचे तहसीलदार घनारी रोहित कंवर ने बताया कि प्रशासन नुक्सान का आकलन कर रहा है, साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं एवं दानी सज्जनों के माध्यम से पीड़ित मजदूरों को सहायता प्रदान की जा रही है।