हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी करने के लिए रश्मि शर्मा ने प्राईवेट सेक्टर में बड़े पैकेज की नौकरी को छोड़ दिया और दिन-रात तैयारी में जुट गई। नतीजा यह निकला कि अब रश्मि शर्मा हिमाचल प्रदेश में डीएसपी के पद पर विराजमान होंगी।
रश्मि की मेहनत के पीछे उसके ससुराल पक्ष वालों का बहुत बड़ा योगदान रहा। रश्मि ऊना शहर के रक्कड़ कालोनी की रहने वाली हैं और मंडी शहर के रामनगर वार्ड में उनका मायका है। रश्मि के पिता देवराज भारद्वाज एसबीआई से चीफ मैनेजर के पद से रिटायर हुए हैं जबकि माता मीनाक्षी शर्मा भाषा अध्यापिका के पद से सेवानिवृत हुई हैं। रश्मि की बड़ी बहन वेटनरी डॉक्टर है जबकि छोटा भाई इंजिनियर है और यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। 2 फरवरी 1986 को जन्मी रश्मि की शादी 2011 में उना निवासी सूर्यकांत शर्मा से हुई है। सूर्यकांत विद्युत विभाग में बतौर वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता कार्यरत हैं और इन दिनों चंडीगढ़ में उनकी पोस्टिंग है। रश्मि का पांच साल का एक बेटा भी है।
रश्मि ने बताया कि कंप्यूटर साईंस में बीटेक करने के बाद 2008 में प्राईवेट सेक्टर में कदम रखा और आगे बढ़ती गई। 2020 तक प्राईवेट सेक्टर में काम किया। 2020 में जब प्राईवेट सेक्टर से ब्रेक ली तो उस वक्त इन्फोसिस जैसी प्रख्यात कंपनी में कार्यरत थी। प्राईवेट सेक्टर में काम करते हुए दो बार परीक्षा दी लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। अब अंतिम चांस था तो इसके लिए प्राईवेट सेक्टर को छोड़कर पूरी तरह से पढ़ाई पर ध्यान दिया। इस दौरान ससुराल पक्ष का पूरा सहयोग मिला। परिवार के सभी लोगों ने पांच वर्षिय बेटे की देखभाल करने के साथ घर संभाला और पढ़ाई के लिए पूरा समय दिया। उसका नतीजा यह निकला की आज रश्मि डीएसपी बन गई है।
रश्मि ने बताया कि लोक सेवा आयोग की परीक्षा में कौन सा रैंक मिला है और कौन सा पद मिला है, यह मायने नहीं रखता। जो लक्ष्य और सपना था, उसे पूरा कर लिया है। परीक्षा को उतीर्ण करके अब पुलिस में सेवाएं देने का अवसर मिला है। हालांकि कानून के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन अब इसमें भी पूरी जी-जान से काम करना है और बेहतर सेवाएं देनी हैं।