जिला काँगड़ा के ज्वाली कसबे के भलाड़ गांव के सिपाही ओंकार सिंह बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ से हुयी फायरिंग में शहीद हो गए ,सिपाही ओंकार सिंह (51) अमृतसर के तरनतारन में 103 बीएसएफ बटालियन में तैनात थे, घने कोहरे के बीच हुयी फायरिंग में एक गोली ओंकार सिंह के सीने में लगने से वह वीरगति को प्राप्त हुए , रविवार को ओंकार सिंह का शव उनके पैतृक गांव और रीती रवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ और सेना की तरफ से उन्हें सलामी भी दी गयी , सिपाही ओंकार सिंह पीछे पत्नी और तीन बच्चों को छोड़ गए हैं।
शहीद होने की सूचना जैसे ही गांव व घर में पहुंची तो पूरे गांव में शोक की लहर है। लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा और अपने प्रिय के चले जाने का गम है। रविवार को तिरंगे में लिपटकर जवान की पार्थिव देह गांव पहुंची तो मोहल्ला चीखों पुकार से गूंज उठा बाद में ससम्मान पैतृक श्मशानघाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बलिदानी को मुखाग्नि उनके बेटे नितिश धीमान ने दी। बलिदानी ओंकार सिंह के तीन बच्चे और पत्नी रो रोकर बेहाल है। पूरा परिवार गहरे सदमे में हैं और स्वजनों को यकीन ही नहीं हो रहा है कि यह अनहोनी उनके साथ हो चुकी है। इस मौके पर विधायक अर्जुन ठाकुर, थाना प्रभारी सुरिंद्र सिंह, पंचायत प्रधान मंगल सिंह तथा समाजसेवी अंशु चौधरी व ग्रामीणों व सैकड़ों लोगों ने बलिदानी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।