भारत कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में 100 करोड़ वैक्सीनेशन के जादुई आंकड़े के करीब है. इस बीच सरकार ने ऐलान किया है कि महामारी से जूझ रहे पड़ोसी देशों की भी अब मदद की जाएगी. दोबारा कोरोना टीकों का निर्यात शुरू कर दिया गया है. इस बीच, कोवैक्स का सह नेतृत्व- गोवी अभी भी कोविशील्ड निर्माता, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से ऑर्डर की गई वैक्सीन आपूर्ति प्राप्त करने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहा है.
पुणे स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी को नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार को कोरोना वैक्सीन शॉट भेजने की अनुमति दी गई है. कंपनी को कोविशील्ड टीकों की लगभग 3 करोड़ खुराक की आपूर्ति एस्ट्राजेनेका को करने की भी अनुमति दी गई है. जिसने यूनाइटेड किंगडम में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ वैक्सीन विकसित की है.
हालांकि, ग्लोबल वैक्सीन शेयरिंग प्लेटफॉर्म Covax के लिए निर्यात शुरू करने के निर्णय का अभी इंतजार है. कोवैक्स कार्यक्रम विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), UNICEF और गठबंधन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) के साथ Gavi वैक्सीन गठबंधन द्वारा प्रायोजित है। गावी खुद एक संयुक्त राष्ट्र समर्थित संगठन है जो दुनिया भर में टीकाकरण का समन्वय करता है.
न्यूज 18 से बातचीत में Gavi के एक प्रवक्ता ने कहा कि संगठन, सरकार और SII दोनों के साथ बातचीत कर रहा है ताकि जल्दी निर्यात शुरू हो सके. कंपनी ने कहा, ‘हम भारत सरकार और SII दोनों के साथ COVAX का निर्यात फिर से शुरू करने के बारे में बातचीत कर रहे हैं, ताकि डिलीवरी जल्द से जल्द हो सके. जहां तक भारत के वैक्सीन स्टॉक का सवाल है, देश अब निर्यात शुरू करने के लिए एक आरामदायक स्थिति में है. सरकार की ओर से हरी झंडी का इंतजार है, जोकि अक्टूबर के अंत तक मिल सकती है. हालांकि SII ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि कोवैक्स को निर्यात सर्वोच्च प्राथमिकता पर है.
बता दें कि SII और COVAX के बीच हस्ताक्षरित समझौता हुआ था. जिसके अनुसार गोवी को AstraZeneca वैक्सीन या Novavax शॉट की 1.1 बिलियन खुराक मिलनी है. जिसमें 200 मिलियन के लिए कंपनी प्रतिबद्ध हैं, और बाकी विकल्प पर निर्भर करता है.