हिमाचल प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू इसे बार-बार चरितार्थ करते रहते हैं। शुक्रवार को राज्य अतिथि गृह पीटर हॉफ में मुख्यमंत्री ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सत्ता का रंग न उन पर चढ़ा है, न चढ़ेगा। सुखविंदर सुक्खू यहां जनसमस्याएं सुन रहे थे। जैसे ही वह लोगों की लंबी कतार के अंत में पहुंचे, अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी बात रखनी शुरू की। मसला गंभीर होने के कारण मुख्यमंत्री ने इसे इत्मिनान से सुनना चाहा। जहां वह खड़े थे, उससे कुछ ही दूरी पर उनके बैठने के किए कुर्सियों का प्रबंध था। लेकिन, उन्होंने कुर्सी पर बैठने के बजाय पास ही लगे एक बैंच पर बैठकर अधिकारियों की बात सुननी शुरू कर दी। उन्होंने साथ में कुछ अधिकारियों को भी बिठा लिया। इसे देखकर आसपास खड़े लोग कहने लगे कि मुख्यमंत्री हो तो ऐसा।
सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बनने के बाद पहले भी कई बार अपनी सादगी का परिचय दे चुके हैं। उनका घागस में बिलासपुर रोड पर बागी बिनौला में बहादुर ढाबे पर मक्की की रोटी व माह की दाल और कड़ी के साथ डिनर करना, श्रीनगर में फाइव स्टार होटल में न रुककर आम सरकारी गेस्ट हाऊस में रात को रुकना, चार्टड प्लेन से न आकर साधारण फ्लाइट से दिल्ली आना लोगों के दिल को छू चुका है।