कोरोना प्रकोप से जूझने के अर्से बाद प्रदेश में स्कूल खोलने के दूसरे ही दिन जिला ऊना के उपमंडल अम्ब में हिजाब ने अपना रंग दिखा दिया। यहां के एक सरकारी स्कूल में एक छात्रा द्वारा हिजाब पहनकर स्कूल आने का मामला गरमा गया।
हिजाब पहनकर आई छात्रा ने खुले तौर पर हिजाब पहनने की बात कही है। उसका कहना है कि उसका स्कूल चाहे छूट जाए पर वह अपने धर्म की बातों को दरकिनार नहीं करेगी। हिजाब पहनना उनके धर्म का मामला है और वह इस मामले पर कायम रहेगी, लेकिन मामले ने जब तूल पकड़ लिया तो बाद में छात्रा में तय प्रोटोकाल के तहत ही स्कूल आने की बात मान ली है।
कोरोना प्रकोप से जूझने के अर्से बाद प्रदेश में स्कूल खोलने के दूसरे ही दिन जिला ऊना के उपमंडल अम्ब में हिजाब ने अपना रंग दिखा दिया। यहां के एक सरकारी स्कूल में एक छात्रा द्वारा हिजाब पहनकर स्कूल आने का मामला गरमा गया।
हिजाब पहनकर आई छात्रा ने खुले तौर पर हिजाब पहनने की बात कही है। उसका कहना है कि उसका स्कूल चाहे छूट जाए पर वह अपने धर्म की बातों को दरकिनार नहीं करेगी। हिजाब पहनना उनके धर्म का मामला है और वह इस मामले पर कायम रहेगी, लेकिन मामले ने जब तूल पकड़ लिया तो बाद में छात्रा में तय प्रोटोकाल के तहत ही स्कूल आने की बात मान ली है।
दरअसल, वीरवार से एक लड़की स्कूल में हिजाब पहनकर आ रही थी, इसकी भनक लगते ही हिंदू संगठन सक्रिय हो गए और शुक्रवार को उन्होंने स्कूल प्रशासन के पास जाकर इस बात पर आपत्ति जताई। संगठनों ने स्कूल प्रशासन से मांग उठाई कि स्कूल में प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित किए गए यूनिफार्म कोड को ही लागू किया जाए। किसी धर्म विशेष से संबंध रखने वाले विद्यार्थियों को अलग तरह का ट्रीटमेंट न दिया जाए। संगठनों का तर्क था कि इस तरह की बातों से क्षेत्र में आपसी सौहार्द खराब हो सकता है। बच्चों में भाईचारे की भावना को ठेस पहुंच सकती है। स्कूल प्रशासन ने हिंदू संगठनों की बात को सुनने के बाद इस पर संज्ञान लेने की बात कहते हुए विद्यार्थियों के स्वजन से इस मामले को उठाने की बात कह कर मामला शांत करने की कोशिश की। वहीं स्कूल प्रधानाचार्य ने कहा कि छात्रा को बोल दिया गया है कि आगे से वह स्कूल ड्रेस में ही स्कूल आए। हिजाब पहनकर स्कूल में आने की अनुमति नहीं है।