देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी ने बुधवार को पहली बार किन्नौर के कल्पा में अपने घर पोस्टल बैलेट से मतदान किया। अपने अपने स्वास्थ्य कारणों के चलते ही उन्होंने घर से ही मतदान करने का निर्णय लिया था। मतदान के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी किन्नौर आबिद हुसैन पर भी मौके पर मौजूद रहे। इसके लिए व्यापक तैयारियां की गई थीं। इस दौरान चुनाव आयोग की ओर से पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ रेड कारपेट पर उनका भव्य स्वागत किया गया। श्याम सरण नेगी की उम्र इस वक्त 105 साल है। उन्होंने हर चुनाव में अपना मतदान बूथ पर जाकर ही किया है। मगर इस बार उन्होंने घर से ही पोस्टल बैलेट से मतदान किया। आजादी के बाद श्याम सरण नेगी ने अब तक 34वीं बार मतदान किया है। वहीं चुनाव आयोग ने श्याम सरण नेगी को ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है।
पहले हर बार जिला प्रशासन उन्हें घर से विशेष वाहन से कल्पा बूथ पर मतदान के लिए ले जाता था। उनके लिए रेड कारपेट बिछाया जाता था। उनका विशेष स्वागत करते हुए उन्हें सम्मानित भी किया जाता था। श्याम सरण नेगी का जन्म सन 1917 में हुआ था। दस साल की उम्र में वह स्कूल गए और उन्होंने पांचवीं तक की पढ़ाई कल्पा में की। इसके बाद वह पढ़ाई के लिए रामपुर भी गए। रामपुर जाने के लिए पैदल तीन दिन लगते थे। उन्होंने नौंवी तक की पढ़ाई रामपुर में ही की। उम्र ज्यादा होने पर उन्हें दसवीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिला था। वहीं उन्होंने 1940 से 1946 तक वन विभाग में नौकरी की। इसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा में में लोअर मिडल स्कूल में अध्यापक बन गए। श्याम सरण नेगी ने आजादी के बाद अपना पहला वोट 25 अक्टूबर सन 1951 को डाला था। कल्पा जनजातीय जिले का हिस्सा है। यहां बर्फबारी होने से पहले ही मतदान प्रक्रिया हो गई थी और श्याम सरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था। देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते (because of snow) पांच महीने पहले सितंबर 1951 में ही चुनाव हो गए।