हिमाचल प्रदेश में हुए 200 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई की इस कार्रवाई से अफसरों में हड़कंप मच गया है। बीते सोमवार को छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई की धीमी जांच पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई थी. हाईकोर्ट ने जांच में तेजी लाकर इसे पूरा करने और सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र दाखिल करने के आदेश जारी किए थे.
हाल ही में हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सीबीआई एक्शन में आई है. 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने शुक्रवार को तीन निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधकों और दो रजिस्ट्रार समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने यह बड़ी कार्रवाई हिमाचल प्रदेश के अलावा चंडीगढ़ और हरियाणा में की है.
गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में आईटीएफ टी शिक्षा समूह न्यू चंडीगढ़ के गुलशन शर्मा, आईसीएल ग्रुप ऑफ कॉलेज हरियाणा संस्थान के संजीव प्रभाकर और इसी संस्थान के रजिस्ट्रार जोगिंद्र सिंह बताए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अधिकतर आरोपियों को उनके घरों में दबिश देकर गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई की ओर से की गई अब तक की जांच में 266 में से 28 निजी संस्थानों को घोटालों में संलिप्त पाया गया है.
इन 28 में से 11 संस्थानों की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं, जबकि 17 संस्थानों के खिलाफ जांच अभी जारी है. गौर हो कि बीते दिनों इस घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई की धीमी जांच को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट नाराजगी जता चुका है. हाईकोर्ट ने जांच में तेजी लाकर इसे पूरा करने और सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय के समक्ष चार्जशीट दाखिल करने के आदेश जारी किए थे. इसके साथ ही सीबीआई को 20 अप्रैल को मामले की ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश भी दिया गया है. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद ही सीबीआई ने शुक्रवार को इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया.