बिलासपुर जिला में 16 जुलाई से गायब हुई 22 वर्षीय नवविवाहिता रीमा देवी का बीते रोज पेड़ से लटका हुआ शव मिला है। रीमा की मौत अपने आप में एक बड़ी पहेली बन गई है। जिस हालत में रीमा का शव मिला है उससे उसकी मौत संदिग्ध लग रही है। बड़ी बात यह है कि पेड़ से लटके शव के कुछ अंग साथ नहीं थे। हालांकि तलाश करने पर मृतका के यह अंग कुछ ही दूरी पर पाए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार पेड़ से लटके मिले रीमा के शव के सिर और बाजू धड़ के साथ नहीं थे। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो उन्हें सिर और बाजू घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर मिले। लेकिन रीमा की मौत अपने आप में कई बड़े सवाल छोड़ गई है। जिनके जवाब अब पुलिस को ढूंढने हैं। रीमा की हत्या हुई है या उसने आत्महत्या की थी इसका भी अभी तक खुलासा नहीं हुआ है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते मृतका का शरीर पूरी तरह से फूल गया है। सिर और बाजू को मिलाकर परिजनों को शिनाख्त के लिए बुलाया गया था। परिजनों ने शव की शिनाख्त रीमा के रूप में की।
वहीं रीमा के मायका पक्ष को भी मौके पर बुलाया गया। अभी तक मायका पक्ष ने किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बताया जा रहा है कि रीमा के मां बाप की बहुत पहले ही मौत हो चुकी थी। उसका पालन पोषण उसके चाचा चाची ने किया था।
16 जुलाई को हुई थी लापता
बता दें कि हिमाचल के बिलासपुर जिला की रीमा देवी 16 जुलाई को संदिब्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी। रीमा देवी ने कोर्ट में जाकर बिलासपुर जिला के नोआ के रहने वाले किरण कुमार उर्फ गोल्डी से प्रेम विवाह किया था।
उनकी शादी दिसंबर 2022 में हुई थी। शादी के महज आठ माह बाद ही पहले रीमा गायब हो जाती है, और उसके 13 दिन बाद उसका पेड़ से लटका शव मिलता है। यहां तक की मृतका के शरीर के अंग भी साथ नहीं थे।
इस मामले में राजपुरा पंचायत के उप प्रधान सत्यदेव ने पूरे मामले को संदिग्ध बताया है। उन्होंने मांग की है कि रीमा देवी की मौत की जांच की जानी चाहिए। ताकि सच सबके सामने आ सके। उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को रीमा अचानक लापता हो गई थी।
उसकी सास ने थाने में शिकायत दी थी। उन्होंने कहा कि अंतिम बार युवती को एम्स की तरफ जाते हुए देखा गया था। उसके बाद उसका नाले किनारे शव मिला।