ऊना: एक सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली टीचर ने अपनी ही स्कूल के हेडमास्टर पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए पुलिस के पास शिकायत सौंपी है। पुलिस ने घटना के संबंध में टीचर की शिकायत को आधार बनाते हुए हेड मास्टर के खिलाफ केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं दूसरी तरफ हेड मास्टर ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने केवल मात्र कोविड-19 की एसओपी का पालन करवाने के लिए महिला टीचर को कुछ देर स्कूल में रुकने के लिए कहा था। इसके अतिरिक्त स्कूल में कोई भी घटना नहीं हुई है।
सरकारी स्कूल के हेड मास्टर के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली टीचर का कहना है कि जब से उसने इस स्कूल में ज्वाइन किया है तब से लेकर अभी तक संस्थान का प्रभारी लगातार उसे प्रताड़ित करता रहा है। उसने आरोप लगाया कि हेड मास्टर उसे जबरन अपने कमरे में बैठकर काम करने के लिए कहता है जब भी छुट्टी के बाद स्कूल में रुकने का भी दबाव बनाया जाता है। शिक्षिका ने कहा कि हेड मास्टर ने जबरन उसका मोबाइल अपने कंप्यूटर से अटैच भी किया। इतना ही नहीं शिक्षिका ने कहा कि हेडमास्टर उसे गलत नजर से ही देखते हैं जिसके चलते वह असहज महसूस करती है। पुलिस को दी शिकायत में उसने बताया कि जब वह स्कूल में छुट्टी के बाद रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के लिए गई तो हैडमास्टर ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया और स्कूल में पड़ी डायरियां उस पर उठाकर फेंक दी। शिक्षिका ने यह भी कहा कि उनकी बेटी महज 1 वर्ष की है जिसके चलते वह छुट्टी के बाद स्कूल में नहीं रुक सकती कई बार यह बात बताने के बावजूद हेड मास्टर का व्यवहार उनके प्रति बिल्कुल भी नहीं बदला। दूसरी तरफ स्कूल के हेड मास्टर राकेश कुमार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने केवल मात्र शिक्षिका को स्कूल में छुट्टी के दौरान बच्चों से कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करवाने के लिए कहा था। इसके अतिरिक्त ना तो कभी उन्होंने शिक्षिका को छुआ और ना ही कभी कोई गलत बात की। हेड मास्टर राकेश कुमार ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।