देश में सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए युवाओं में खासी प्रतिस्पर्धा है. प्रतिस्पर्धा के इस दौर में युवा लगातार नौकरी पाने की जुगत में लगे रहते हैं. इस बीच कई ऐसे भी युवा हैं, जो नौकरी हासिल करने के लिए पढ़ाई में तो मेहनत नहीं करते, लेकिन फर्जी डिग्री बनाकर नौकरी हासिल कर लेते हैं. शिमला (Shimla) पोस्ट ऑफिस में दसवीं की फर्जी डिग्री बनाकर नौकरी हासिल करने वाले ऐसे ही नौ डाक सेवकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.
इससे पहले सोमवार को भी तीन डाक सेवकों की डिग्री फर्जी पाए जाने पर उन्हें बर्खास्तगी दी गई थी. बीते दिनों फर्जी नौकरी डिग्री के साथ नौकरी हासिल करने वाले तीन आरोपी कर्मचारी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के रहने वाले थे. डाक विभाग ने अब जिन आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त किया है, उन्हें शिमला मंडल की अलग-अलग डिवीजन में तैनाती दी गई थी. यह सभी एक साल से लेकर पांच साल तक अपनी नौकरी पूरी कर चुके थे.
दसवीं की डिग्री फर्जी
यह सभी आरोपी कोटखाई, गुम्मा, नागन, मतियाना, क्यारी, नेरवा, टिक्कर और धामी डिविजन में अपनी सेवाएं दे रहे थे. जांच में इन सभी की दसवीं की डिग्री फर्जी पाई गई. हैरानी की बात है कि आरोपियों ने अपने फर्जी डिग्री में कुल 600 में से 588 और 591 अंक तक दर्ज करवाए हुए थे. डाक विभाग को इसकी भनक तब लगी, जब इन कर्मचारियों की डिग्री चेक करने के लिए संबंधित बोर्ड में भेजी गई. इतने बड़े स्तर पर फर्जी डिग्रियां मिलने के बाद आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे कोई बड़ा माफिया काम कर रहा है.
ऐसे सामने आया फर्जीवाड़ा
उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अलावा इन माफियाओं के अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं. संभावना है कि देशभर में अलग-अलग डाक ऑफिस में काम कर रहे कर्मियों की डिग्री फर्जी ही हो. इस माफिया के बड़े स्तर पर सक्रिय होने की प्रबल संभावनाए हैं. पूरे मामले में हैरानी की बात यह भी निकल कर सामने आई है कि जब डाक विभाग ने माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश को यह डिग्री प्रमाणिकता के लिए भेजी थी, तब इस डिग्री को सही बता दिया गया था. बाद में डाक विभाग ने पोस्ट मास्टर जनरल प्रयागराज को खुद जाकर सर्टिफिकेट की सत्यता जानने के लिए कहा, तो यह पूरा फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आ गया.
डाक विभाग ने करवाई जांच
शिमला मंडल के डाक अधीक्षक विकास नेगी ने बताया कि साल 2018 से लेकर साल 2022 तक माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज से दसवीं की फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले प्रमाण पत्रों की जांच की गई. इनमें 12 प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं. सभी आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है और एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई है. पुलिस इन आरोपियों पर कानून सम्मत कार्रवाई करेगी.