सशक्तिकरण की मिसाल बन रही स्पीति की महिलाएं

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जाइका वानिकी परियोजना ने स्वयं सहायता समूहों को वितरित की खड्डी मशीनें काजा। जाइका वानिकी परियोजना से जुड़ी स्पीति की महिलाएं आज सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी हैं। यहां की ग्रामीण महिलाएं पुश्तैनी रोजगार एवं संस्कृति के संरक्षण के साथ-साथ आत्मनिर्भरता से आजीविका सुधार के लिए बहतरीन कार्य कर रहीं हैं। वाइल्ड लाइफ डिविजन स्पीति के तहत जाइका परियोजना से जुड़े स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए गलीचा तैयार करना उनके लिए आर्थिकी का एक साधन बन रही है। ऐसे में जाहिर है कि स्पीति की महिलाएं पारंपरिक कार्यों को आधुनिक तरीकों से करवाकर आय को बढ़ाने का काम भी करती नजर आ रही है। इसके मद्देनजर वीरवार यानी 13 जून को फोरेस्ट रेंज ताबो के दो स्वयं सहायता समूहों को खड्डी की मशीनें दी गई। बीएमसी सब कमेटी माने जोंगमा के जोमसा स्वयं सहायता समूह को 9 और बीएमसी सब कमेटी माने गोंगमा के मानेतंग स्वयं सहायता समूह को 12 खड्डी मशीनें बांटी गई।
इस मशीन से गलीचे के साथ-साथ दोड़ू यानी पारंपरिक परिधान तैयार कर सकते हैं। इस अवसर पर बीओ शांता कुमार नेगी, फोरेस्ट गार्ड कमल किशोर, राजेश, लव प्रीत साम्टा और जाइका वानिकी परियोजना के एसएमएस स्पीति आशुतोष पाठक मौजूद रहे। गौरतलब है कि वाइल्ड लाइफ स्पीति मंडल के तहत जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े 12 स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं गलीचे तैयार कर रही हैं। इससे पहले समहों की महिलाओं को गलीचा और दोड़ू तैयार करने का कौशल प्रशिक्षण भी दिया गया। बताया गया कि सैंकड़ों महिलाएं गलीचे निर्माण का कार्य परंपरा से कर रही हैं, जो घरेलू कार्य से समय निकालकर इस पुश्तैनी व रोजगार संस्कृति को आगे बढ़ाकर परिवार का अर्थतंत्र बनी हुई है।


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Spaka NewsHimachal Samachar 13 06 2024 Post Views: 26 Spaka News
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