मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को पानी से जुड़े सभी कानूनों को जोड़कर एक अंब्रेला एक्ट बनाने के निर्देश दिए हैं, जिसके लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया जाएगा। आज शिमला में एक हाई पावर कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के लोगों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की संपदा को लुटने नहीं दिया जाएगा और अदालतों में विचाराधीन मामलों की मजबूती के साथ पैरवी की जाएगी। हिमाचल प्रदेश के पास सीमित संसाधन हैं, जिनका सही इस्तेमाल प्रदेश के लोगों के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों से निपटना चुनौती है और मौसम में बदलाव के कारण बादल फटने जैसी घटनाओं में बढ़ौतरी हुई, जिसका अध्ययन किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने राज्य के हितों की अनदेखी की, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश से इन्वेस्टमेंट ड्रेन हुआ। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए अनेक कदम उठाए हैं, जिसके फलस्वरूप प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति बेहतर होने के कारण ही राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को चार प्रतिशत डीए की एक और किश्त जारी करने का फैसला किया है। इससे पहले राज्य सरकार अपने कार्यकाल में सात प्रतिशत महंगाई भत्ता जारी कर चुकी है।
बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, एडवोकेट जनरल अनूप रतन, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश राज्य वॉटर सेस कमीशन अमिताभ अवस्थी, विधि सचिव शरद कुमार लगवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।