मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के दो औद्योगिक शहरों परवाणू और काला अंब को प्रतिष्ठित ‘स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023’ राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर प्रदेश के लोगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार जिम्मेदार और पर्यावरण के प्रति जागरूक पर्यटन, स्थानीय समुदायों के सक्रिय सहयोग और सरकारी एजेंसियों के समन्वित व निरंतर प्रयासों के कारण संभव हो सका हैे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण के साथ संतुलन बनाए रखते हुए सतत् विकास हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विकास और पर्यावरण-चेतना के बीच सामंजस्य की दृष्टि से प्रदेश हरित राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी हितधारकों के सहयोग से 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता राज्य के बजट में स्पष्ट रूप से दर्शाई गई है, जो हरित ऊर्जा पहल को प्राथमिकता देता है। हिमाचल प्रदेश निरंतर जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है और ई-वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ग्रीन कॉरिडोर स्थापित कर रहा है, जिससे यह अग्रणी कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। हरित हाइड्रोजन उत्पादन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं और निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम आने की आशा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी तीन वर्षों में जीवाश्म ईधन वाले सरकारी वाहनों का उपयोग धीरे-धीरे बंद कर दिया जाएगा और उनकी जगह पर्यावरण-अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही राज्य में सौर एवं पवन ऊर्जा के दोहन के प्रयासों को भी गति प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में ई-बसों, ई-ट्रकों और ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा, इस दूरदर्शी पहल का उद्देश्य न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करना है बल्कि परिवहन क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों की आय को भी बढ़ावा देना है।