मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां बताया कि प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड (एचपीबीओसीडब्ल्यू) के माध्यम से श्रमिकों को 32.32 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि यह वित्तीय लाभ बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत पात्र 8,883 कामगारों को वितरित किया गया है। प्रदेश सरकार इन पंजीकृत श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय लाभ जारी कर इनका कल्याण सुनिश्चित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड के 3,514 पात्र श्रमिकों को बच्चों की शिक्षा के लिए 10.59 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसके अलावा, विवाह सहायता राशि के रूप में 2,543, कामगारों को 12.97 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मातृत्व एवं पितृत्व लाभ योजना के अंतर्गत 537 श्रमिकों को 1.71 करोड़ रुपये की राशि वितरित की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 248 पात्र श्रमिकों को 35.85 लाख रुपये की चिकित्सा सहायता राशि जबकि 1,000 रुपये मासिक पेंशन योजना के तहत 85.13 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई है। इन सभी योजनाओं पर प्रदेश सरकार द्वारा 32.32 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। इसके अलावा, प्रदेश सरकार द्वारा बोर्ड के माध्यम से पहली दो बेटियों के जन्म पर श्रमिकों को 51 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई पुरूष या महिला जिन्होंने प्रदेश सरकार की किसी परियोजना या पंचायत के निर्माण कार्य, निजी निर्माण कार्य और मनरेगा कार्य में वर्ष में 90 दिन काम किया है, वह बोर्ड के अंतर्गत पंजीकरण के लिए पात्र होंगे। पंजीकरण के उपरांत पात्र श्रमिक सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकंेगे। उन्होंने कहा कि अगस्त 2024 तक प्रदेश में 10,182 नये श्रमिकों को बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार श्रमिकों के विभिन्न मुद्दों का समाधान करने और उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और सुनिश्चित कर रही है कि सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का अधिकतर लाभ मिल सके। वर्तमान में एचपीबीओसीडब्ल्यू के अंतर्गत श्रमिकों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा 13 कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिसके अंतर्गत लाभार्थियों को उनके बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से धनराशि दी जा रही है। इसके अलावा, बोर्ड द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत समय-समय पर श्रमिकों के लिए चिकित्सा शिविर और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।