शिमला, 26.09.2024
नवरत्न सीपीएसई एसजेवीएन ने महाराष्ट्र में पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) और फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं (एफएसपी) के विकासार्थ महाराष्ट्र सरकार के साथ दो ऐतिहासिक समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। महाराष्ट्र के माननीय उपमुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री, श्री देवेंद्र फडणवीस की गरिमामयी उपस्थिति में आज मुंबई में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
प्रथम एमओयू एसजेवीएन और महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन विभाग के मध्य कुल 8100 मेगावाट क्षमता की पांच पंप स्टोरेज परियोजनाओं के विकासार्थ हस्ताक्षरित किया गया। इस एमओयू पर एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री सुशील शर्मा और महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री दीपक कपूर (आईएएस) ने हस्ताक्षर किए।
द्वितीय एमओयू महाराष्ट्र के लोअर वर्धा बांध पर 505 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर परियोजना के विकास के लिए एसजेवीएन और महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी (महाजेनको) के मध्य हस्ताक्षरित किया गया । एमओयू पर एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री सुशील शर्मा और महाजेनको के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, डॉ. पी. अनबालागन (आईएएस) ने हस्ताक्षर किए।
महाराष्ट्र के माननीय उप मुख्यमंत्री ने इस प्रमुख उपलब्धि को हासिल करने पर एसजेवीएन, महाजेनको और जल संसाधन विभाग को बधाई देते हुए इन परियोजनाओं के समय पर निष्पादन एवं पूरा करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ये एमओयू महाराष्ट्र की एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नए अध्याय का सूत्रपात करते हैं।
505 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना दो चरणों में विकसित की जाएगी। पहला चरण 100 मेगावाट का होगा तथा दूसरा चरण 405 मेगावाट का होगा। चरणबद्ध विकास से मौजूदा विदयुत निकासी संरचना का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित होगा और क्षेत्र को एक सतत और विश्वसनीय ऊर्जा स्रोत उपलब्ध प्रदान करेगा।
8100 मेगावाट की पम्प स्टोरेज परियोजनाओं में 800 मेगावाट कोलमोंडापाड़ा, 1500 मेगावाट सिदगढ़, 2000 मेगावाट चोरनई, 1800 मेगावाट बैतरणी और 2000 मेगावाट जलवारा पम्प स्टोरेज परियोजनाएं शामिल हैं। यह एमओयू एसजेवीएन को केंद्र/राज्य सरकार के मौजूदा नियम/नीतियों/योजनाओं के अनुरूप समयबद्ध तरीके से महाराष्ट्र में उपरोक्त परियोजनाओं का सर्वेक्षण एवं अन्वेषण, डीपीआर तैयार करने और आगामी स्थापना को सुविधाजनक बनाएगा। यह पीएसपी ऊर्जा भंडारण, ग्रिड स्थिरीकरण और विदुयत की पीक डिमांड की पूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जिससे महाराष्ट्र राज्य के लिए विश्वसनीय और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित होगी।
इन परियोजनाओं पर कुल अनुमानित निवेश ₹48,000 करोड़ होगा और लगभग 8400 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। ये परियोजनाएं इको-टूरिज्म और कौशल विकास पहलों में सहायक होगी, जिससे स्थानीय समुदाय लाभान्वित होगा।