Shri Ganesh Ji ki Arti : श्री गणेशजी कीआरती

Avatar photo Saanvi Sharma
Spaka News

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा..जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॐ जय शिव…॥एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

क्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ 

एकदन्त, दयावन्त, चारभुजाधारी,
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी।
पान चढे, फुट चढे और चढे मेवा,
लड्डू काअंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया,

बन गए बेटे देत, निर्धन को माया ।

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा.. भोग लगे, सन्त करें सेवा ..


Spaka News
Next Post

Kali Ji Ki Aarti : काली माता की आरती

Spaka NewsKali Ji Ki Aarti in Hindiअम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली ।तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।।तेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी ।दानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी ।।सौ सौ सिंहों से तु […]

You May Like