हमीरपुर से राजस्थान पहुँच जाने वाली में 12 वर्षीय लड़की की जब विशेष टीम ने काउंसलिंग की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।अगर आपका बच्चा घंटों- घंटो फोन पर चैट करता रहता है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए।
हिमाचल के हमीरपुर जिले के बड़ा क्षेत्र से लापता हुई 12 वर्षीय लड़की को नादौन थाना पुलिस की विशेष टीम ने राजस्थान के हनुमानगढ़ से बरामद कर लिया है. शुक्रवार को इस लड़की को संबंधित थाना पुलिस टीम ने परिजनों के हवाले भी कर दिया है. इन सबके बीच पुलिस की छानबीन और लड़की के काउंसलिंग में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. घरवालों की डांट से आहत होकर यह लड़की स्नैपचैट ग्रुप में मिले अनजान दोस्तों से मिलने के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर राजस्थान के हनुमानगढ़ में पहुंच गई. परिजनों ने इस लड़की को ऑनलाइन स्टडी के लिए यह स्मार्टफोन दिया था. लड़की ने स्नैप चैट का इस्तेमाल करना शुरू किया और जब परिजनों को इसका पता चला तो उन्होंने उसे डांट दिया.
5 फरवरी को सातवीं कक्षा में पढ़ने लड़की घर से स्कूल के लिए पेपर जमा करवाने के बहाने निकली. इसके बाद चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गई और यहां पर 1 दिन रुकने के बाद राजस्थान के हनुमानगढ़ में पहुंच गई. यहां पर 1 दिन रुकने के बाद यह लड़की दोस्तों की सलाह पर फिर चंडीगढ़ लौट आई, लेकिन चंडीगढ़ लौटने के बाद वह फिर घर नहीं लौटी और एक बार फिर राजस्थान के हनुमानगढ़ में पहुंच गई. इस बीच तलाश में जुटी हमीरपुर पुलिस को लड़की की लोकेशन मालूम हुई. इसके बाद 10 फरवरी को ही टीम ने लोकेशन पर पहुंच कर लड़की को बरामद कर लिया.
11 फरवरी को सीडब्ल्यूसी कमेटी ने इस लड़की की काउंसलिंग की है और पुलिस ने अब लड़की को परिजनों के हवाले कर दिया है. इस मामले में पुलिस की कार्रवाई को सराहा जाना भी जरूरी है. पुलिस कप्तान हमीरपुर आकृति शर्मा के निर्देशों के बाद नादौन थाना के एसएचओ योगराज ने 5 फरवरी को ही एक टीम का गठन किया. विशेष टीम गठित करके गुमशुदा नाबालिग लड़की को तलाश करने के लिए 5 फरवरी को ही रवाना कर दिया किया गया.
सोशल मीडिया के जरिए बढ़ रही है मामले चिंताजनक हैं. हमीरपुर जिले में ही ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. कुछ माह पहले ही सदर थाना हमीरपुर के तहत आने वाले 1 गांव में नाबालिग लड़की भी ट्विटर पर मिले दोस्त के झांसे में आकर पंजाबी गायक गुरु रंधावा से मिलने के लिए पंजाब पहुंच गई थी. इस लड़की को भी सदर थाना हमीरपुर की पुलिस ने रेस्क्यू कर परिजनों के हवाले किया था. ऐसे में सोशल प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल को लेकर बच्चों को जागरूक किया जाना हमें बेहद ही जरूरी है.