मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार सभी सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों को बहाल करने का कार्य युद्ध स्तर पर कर रही है ताकि सेब उत्पादकों को मण्डियों तक अपना उत्पाद पहुंचाने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इन क्षेत्रों में बारिश और भू-स्खलन के कारण बंद हुई सड़कों को खोलने के लिए 50 करोड़ की धनराशि जारी की है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग को सड़कों की बहाली के लिए अतिरिक्त स्टाफ तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण जान-माल को काफी नुक्सान हुआ है तथा लगभग 8000 करोड़ रूपये के नुकसान का अनुमान है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की एक टीम हाल ही में हिमाचल प्रदेश में हुई क्षति का जायजा लेने के लिए आई थी और उम्मीद है कि जल्द ही केन्द्र सरकार हिमाचल प्रदेश को अंतरिम राहत की पहली किश्त जारी करेगी। उन्होंने एक बार पुनः स्पष्ट किया कि केन्द्र सरकार की ओर से प्रतिवर्ष सभी राज्यों को जुलाई और दिसम्बर माह में यह मद्द मिलती है और हिमाचल प्रदेश को 180-180 करोड़ की दोनों किश्ते दे दी गई हैं। जबकि आपदा से उपजी विशेष परिस्थितियों से राहत के लिए कोई धनराशि जारी नहीं की गई है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार इस त्रासदी से प्रभावित हुए सभी परिवारों के साथ है और राज्य सरकार ने प्रभावितों को उचित मुआवजा दिलवाने के लिए विशेष राहत पैकेज भी प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि राहत नियमावली में बदलाव लाकर प्रदेश सरकार मकान को अंाशिक क्षति होने पर भी एक लाख रूपये का मुआवजा प्रदान कर रही है। इसके साथ-साथ दुधारू पशुओं जैसे गाय, भैंस की मुत्यु पर मिलने वाले मुआवजे को 37500 रूपये से बढ़ाकर 55000 रूपये किया गया है। इसके अलावा भेड़ और बकरी की मौत पर मिलने वाले 4000 रूपये की आर्थिक सहायता को भी बढ़ाकर 6000 रूपये कर दिया गया है।