HPTDC कार्यालय को धर्मशाला शिफ्ट करने के विरोध में शिमला में गरजी पर्यटन बचाओ संघर्ष समिति,फैसले को वापिस। लेने का किया आग्रह

Avatar photo Vivek Sharma
Spaka News

HPTDC कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने के विरोध में पर्यटन व्यवसायियों सरकार के इस फैसले से जहां मुखर है अब इसके विरोध में स्वर उठना शुरू हो गए हैं।सोमवार को शिमला के चौड़ा मैदान में शहर में पर्यटन कारोबार से जुड़े सैंकड़ों लोगों ने शिमला पर्यटन बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन किया। चौड़ा मैदान में हुए प्रदर्शन में होटल संचालकों, होम स्टे, बीएंडबी, रेस्तरां, टुअर एंड ट्रेवल संचालकों, टैक्सी ऑपरेटरों, घोड़े वालों, गाइडों, ड्राइवरों, मजदूरों, गाइड एंड टुअर एंड ट्रेवल एसोसिएशन के सदस्यों ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया और आग्रह किया कि इस फैसले को जल्द वापिस लिया जाए।

पर्यटन बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष हरीश व्यास ने कहा कि HPTDC के कार्यालय को शिमला से स्थानांतरित करने से शिमला व हिमाचल प्रदेश में पर्यटन पर विपरीत असर पड़ेगा। प्रदेश सरकार का यह कदम जनता विरोधी, पर्यटन विरोधी एवं पर्यटन निगम कर्मचारी विरोधी है।अंग्रेजों के समय से शिमला विश्व मानचित्र पर पर्यटन नगरी के रूप में जाना जाता रहा है। प्रदेश में पर्यटन से इकट्ठा होने वाले राजस्व में एक बहुत बड़ा भाग शिमला से एकत्रित होता है। हिमाचल प्रदेश में पर्यटन के मुख्य केंद्र बिंदुओं में शिमला का नाम अग्रणी है। कार्यालय स्थानांतरित करने का कदम न तो प्रशासनिक रूप से सही है और न ही व्यावहारिक है। प्रदेश में आने वाले विदेशी, देशी व राज्य के पर्यटकों का बहुत बड़ा हिस्सा शिमला ही आता है। निगम कार्यालय स्थानांतरित करने से लाखों लोगों की आजीविका पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर पर्यटन से जुड़े लोगों को अब कोई भी कार्य करवाना हो तो उसके लिए धर्मशाला जाना बहुत मुश्किल है।इसके साथ ही प्रदेश सरकार सचिवालय शिमला से कार्य करने वाले अधिकारियों को कई सौ किलोमीटर दूर निगम कार्यालय को संचालित करने में भारी दिक्कतें आएंगी। पर्यटन निगम के कर्मचारियों को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पेंशन भुगतान नहीं किया जाता है। वे शिमला स्थित ईपीएफ के दायरे में आते हैं। शिमला में पर्यटन निगम व ईपीएफ कार्यालय होने के कारण इन कर्मचारियों को अपने कार्य करवाने में आसानी रहती थी। अब कई सौ किलोमीटर के दायरे में स्थित दो कार्यालयों के चक्कर में न केवल उनके कई दिन लगेंगे अपितु।उन्हें भारी आर्थिक हानि भी होगी। अतः इस कार्यालय के स्थानांतरण से पर्यटन कारोबार से जुड़ी जनता, लाखों लोगों एवं निगम के सैंकड़ों कर्मचारियों को भारी नुकसान होगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि इस निर्णय को तुरंत निरस्त किया जाए व इस कार्यालय को यथावत शिमला में ही रखा जाए।


Spaka News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

पूर्व सरकार में कस्टमाइज पैकेज का नाम देखकर उद्योग लगाने के नाम पर हुआ घोटाला, जांच करेगी सरकार - CM

Spaka Newsहिमाचल विधानसभा में उद्योगों के प्रश्न पर हंगामा हो गया। सदन के भीतर मुख्यमंत्री के जवाब से नाराज विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट। मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए विपक्ष पर पलटवार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के समय कस्टमाइज पैकेज का नाम देकर उद्योग […]

You May Like