मंत्रियों ने जय राम ठाकुर के दावों को झूठ का पुलिंदा करार दिया

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पूछा, पिछली सरकार में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी की नीति से किन लोगों को मिला फायदा

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मौजूदा राज्य सरकार की आबकारी नीति को लेकर नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर के दावों को झूठ का पुलिंदा करार दिया है। आज यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री को आंकड़ों के सही स्रोत और उनकी सही जानकारी प्राप्त करने के बाद ही बयान देने चाहिए क्योंकि झूठ बोलना उन्हें शोभा नहीं देता। जय राम ठाकुर का यह कहना कि वर्तमान आबकारी नीति से राज्य सरकार को सिर्फ 13 प्रतिशत राजस्व में वृद्धि हुई, सरासर गलत है। ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार के राजस्व में 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।
मंत्रियों ने कहा कि अगर सरकार पिछली भाजपा सरकार शराब की दुकानों को 10 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ नवीनीकृत करने की नीति जारी रखती तो राज्य को सालाना लगभग 530 करोड़ रुपये का नुकसान होता। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को साफ करना चाहिए कि क्यों उन्होंने 10 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ शराब के ठेके देने की नीति अपनाई और इसमें क्या गोलमाल हुआ। उन्हें प्रदेश की जनता को यह भी बताना चाहिए कि पिछली सरकार में इस नीति से किन लोगों को फायदा मिला। अपने कार्यकाल में ‘डबल इंजन’ की सरकार का नारा देने वाली भाजपा ने प्रदेश को कर्ज की दलदल में क्यों धकेला।
दोनों ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने प्रदेश हित में शराब ठेकों के लिए नीलामी प्रक्रिया को मंजूरी दी है। इस प्रक्रिया के माध्यम से पिछले वित्तीय वर्ष की नीति की तुलना में नीलामी से लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई तथा 1296 करोड़ रुपये के मुकाबले 1806 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ।
उन्होंने कहा कि नीलामी प्रक्रिया मार्च, 2023 में खत्म हुई, जिसमें 10 प्रतिशत अग्रिम लाइसेंस शुल्क 5 अप्रैल, 2023 से पहले जमा किया जाना था, परंतु मार्च, 2023 तक सरकारी खजाने में 66 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। साथ ही 24 जून, 2023 तक पिछले वित्त वर्ष की तुलना में रिकवरी 555 करोड़ रुपये के मुकाबले 686 करोड़ रुपये हो चुकी है। इसके अतिरिक्त, लाइसेंस धारकों को हर महीने की 7 तारीख तक 150 करोड़ रुपये मासिक लाइसेंस शुल्क भी देना होता है। ऐसे में अप्रैल और मई, 2023 के लिए कुल लाइसेंस शुल्क की एवज में 300 करोड़ रुपये की जगह आबकारी एवं कराधान विभाग को 366 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार के इन प्रयासों से जीएसटी संग्रह में भी वृद्धि हुई है। पिछले साल के मुकाबले 24 जून तक राज्य सरकार को 1065 करोड़ रुपये की जगह 1225 करोड़ रुपये मिले। राजस्व में वृद्धि से युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर भी पैदा होंगे।


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Spaka NewsHimachal Samachar 25 06 2023 Post Views: 218 Spaka News
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