बागवानी मंत्री ने दीपक सिंघा की पुस्तक का विमोचन किया…

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पांच बीघा भूमि में 200 पौधे लगाकर किसान-बागवान कमा सकते हैं 39 लाख रुपये

500 रुपये प्रति किलो बिक रही मैक्सिकन हैस वैरायटी

राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां दीपक सिंघा द्वारा लिखित पुस्तक ‘ऑपोर्चूनिटी एंड चैलेंजिज़ ऑफ एवोकाडो फार्मिंग इन हिमाचल प्रदेश’’ का विमोचन किया। दीपक सिंघा स्टोन फ्रूट विशेषज्ञ हैं और गत दो वर्षों से उन्होंने एवोकाडो की खेती पर गहराई से शोध और विस्तार से अध्ययन कर यह पुस्तक लिखी है।   

इस अवसर बागवानी मंत्री ने दीपक सिंघा के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि एवोकाडो की खेती आर्थिक दृष्टि से बहुत लाभप्रद होगी और इससे प्रदेश के किसानों-बागवानों की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी।

बागवानी मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) और एचपी शिवा परियोजना कार्यान्वित की जा रही हैं। प्रदेश सरकार एवोकाडो की खेती को एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) या एचपी शिवा परियोजना में शामिल करने पर विचार करेगी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस ओर आकर्षित हो सकें।

दीपक सिंघा ने कहा कि प्रदेश के उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना, मंडी, शिमला और सिरमौर के निचले क्षेत्रों में एवोकाडो की खेती की जा सकती है। एवोकाडो की वैरायटी मैक्सिकन हैस की कीमत 500 रुपये प्रति किलोग्राम है। अन्य वैरायटी भी बाजार में 200-300 रुपये किलोग्राम की दर से बिक रही है। उन्होंने कहा कि एवोकाडो की न्यूट्रीशियन वैल्यू बहुत अच्छी है जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह दिल की बीमारियों, कॉलेस्ट्रोल और मधुमेह को नियंत्रित रखता है, इसलिए इसे सुपर फ्रूट भी कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि कोविड के बाद इस फल की मांग बहुत ज्यादा बढ़ी है। चेन्नई, बंगलूरू और मैसूर में व्यापक स्तर पर इसकी खेती की जा रही है। वहीं पूर्वी हिमालय क्षेत्र में सिक्किम के लोग एवोकाडो की खेती कर रहे हैं।   

दीपक सिंघा ने कहा मैक्सिकन हैस वैरायटी का एक पेड़ तीसरे वर्ष से पैदावार देना शुरू कर देता है और छठे वर्ष उच्चतम 60 किलो फल की पैदावार होती है।

उन्होंने कहा कि पांच बीघा भूमि में एवोकाडो के 200 पौधे लगाए जाएं तो छठे वर्ष में उच्चतम पैदावार मिलने पर करीब 39 लाख रुपये का राजस्व हासिल होगा जिसमें से लगभग 24 लाख रुपये किसान-बागवान का शुद्ध लाभ होगा। ऐसे में किसान-बागवान एवोकाडो की खेती से प्रतिमाह 2 लाख रुपये कमा सकते हैं।  

दीपक सिंघा ने कहा कि शीतोष्ण क्षेत्र में सेब की खेती से बागवानों की आर्थिकी सुदृढ़ हुई है। उन्होंने कहा कि सेब के मुकाबले एवोकाडो की खेती करने से किसानों-बागवानों की डेढ़ गुना ज्यादा आर्थिक तरक्की होगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार, डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और किसान-बागवान एवोकाडो की खेती को आगे ले जाने के लिए मिलकर काम करें।


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