हिमाचल प्रदेश में अब हर महिला और युवती के खून की जांच होगी। प्रदेश को एनीमिया मुक्त करने के लिए सरकार यह पहल करने जा रही है। आशा वर्करों को इस काम का जिम्मा सौंपा जा रहा है। यह वर्कर घर-घर जाकर महिलाओं के खून की जांच करेंगी। इन वर्करों को सरकार की ओर से हीमोग्लोबिन मीटर उपलब्ध कराए जाएंगे।
अगर महिलाएं एनीमिक पाई जाती हैं तो उन्हें उपचार के लिए अस्पताल लाया जाएगा। डाक्टरों की मानें तो हिमाचल में महिलाओं और युवतियों का एचबी 12 से 14 के बीच होना चाहिए।
प्रदेश सरकार ने हाल ही में हीमोग्लोबिन मीटर को लेकर टेंडर आमंत्रित किए थे। इसमें सात कंपनियों ने भाग लिया है। बुधवार को स्वास्थ्य निदेशालय में कंपनियों की टेक्निकल बिड खोली गई है। इसमें कंपनियों का पंजीकरण सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की गई है। इनमें से जो कंपनियां स्वास्थ्य विभाग के मानकों पर खरी उतरती हैं, उनकी वित्तीय निविदा खोली जाएगी। इसके बाद कंपनी को टेंडर दिया जाएगा।
यह आशा वर्कर स्कूलों में जाकर छात्राओं के खून की भी जांच करेंगी। आशा वर्करों को खून की कमी वाली महिलाओं और युवतियों का रिकॉर्ड तैयार करना होगा। इसके बाद यह रिकॉर्ड स्वास्थ्य विभाग में जमा होगा।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि हर महिला और युवती के खून की जांच की जानी है। इसे लेकर कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। प्रदेश में जल्द यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।