राज्यपाल ने चम्बा में नशामुक्त जन जागरण रैली को हरी झंडी दिखाई…

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नशामुक्त जीवन से सांस्कृतिक संरक्षण पर दिया बल

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज चम्बा जिला के मेहला में नशा विरोधी जन जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि यदि समाज और संस्कृति को बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले नशे से दूर रहना होगा। उन्होंने कहा कि नशे की मांग रूकने पर ही उसकी आपूर्ति बंद होगी। यह बात उन्होंने आज स्थानीय खेल मैदान में आयोजित किसान मेला और नशामुक्ति जन जागरूकता शिविर को संबोधित करते हुए कही। 

यह कार्यक्रम डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र चम्बा के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस अवसर पर सैकड़ों स्कूली छात्रों ने रैली में भाग लिया और नशे के खिलाफ नारे लगाकर लोगों को इस सामाजिक बुराई के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। 

राज्यपाल ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नशा केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि एक गम्भीर सामाजिक समस्या है। हमारे युवाओं में अपार शक्ति है और वह नशे जैसी बुराई को जड़ से समाप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति की शुरूआत घर से ही होनी चाहिए और इसके लिए समाज के सभी वर्गों को संयुक्त रूप से प्रयास करने होंगे। 

राज्यपाल ने प्रदेश में नशे के बढ़ते हुए मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो पहले केवल पड़ोसी राज्यों की समस्या मानी जाती थी, वह अब हमारे घरों तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि चिट्टा जैसे सिंथैटिक ड्रग जानलेवा हैं, हमें प्रदेश के लोगों को इसके बारे में जागरूक करना चाहिए ताकि वे इसके उन्मूलन के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।

राज्य में नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पिछले दशक में एनडीपीएस मामलों में वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के नशे से संबंधित मामला वर्तमान में प्रदेश की वास्तविकता बन रहा है। उन्होंने हिमाचल में सिंथेटिक दवाओं के मामलों पर भी चिंता व्यक्त की। 

नशे के उन्मूलन में विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए, राज्यपाल ने नशे के उन्मूलन पर प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि युवाओं में नशे की आदत, उनके और देश के भविष्य को कमजोर कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता से प्रेरित होकर, उन्होंने हिमाचल प्रदेश में एक राज्यव्यापी नशा निवारण अभियान शुरू किया है। उन्होंने लोगों से इस अभियान मेें सहभागिता प्रदान करने का आह्वान किया। 

इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया। 

राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने राज्यपाल की पहल की सराहना करते हुए इसे राष्ट्रीय हित की दिशा मंे एक सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने इस बुराई से निपटने में अभिभावकों की भूमिका पर बल दिया और नशे की आदत से प्रभावित लोगों के लिए तत्काल उपचार की वकालत की। 

चंबा के विधायक नीरज नैयर ने राज्यपाल का स्वागत किया और अच्छे संस्करों और सामुदायिक सतर्कता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सख्त कानून को मंजूरी दी है।

 भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज ने नशीली दवाओं के शरीर पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस बुराई पर जीत हासिल करने के लिए जन जागरूकता और जन सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। 

डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने राज्यपाल का स्वागत किया। 

अटारी जोन-1, लुधियाना के निदेशक डॉ. परविंदर शेरोन और पुलिस विभाग के अभिमन्यु ने भी इस विषय पर अपने विचार साझा किए। 

इस मौके पर पुलिस कर्मियों द्वारा प्रस्तुत एक नुक्कड़ नाटक ने नशीली दवाओं के उन्मूलन के विषय को प्रभावी ढंग से चित्रित किया।

कृषि विज्ञान केंद्र, चंबा के अध्यक्ष और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। 

राज्यपाल के सचिव, सी.पी. वर्मा, उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।


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