बहुएं भाग जाती हैं, हमारे पास आज क्या है… शहीद कैप्टन अंशुमान के माता-पिता का छलका दर्द

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नई दिल्ली: शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता का कहना है कि बहू हमारा घर छोड़कर जा चुकी हैं। अपना एड्रेस भी चेंज करा लिया है। उन्होंने कहा कि कीर्ति चक्र की कोई निशानी मेरे पास नहीं है। यूपी के देवरिया में एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि NOK का जो निर्धारित मापदंड है वह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, दोनों लोगों को इस बात से अवगत करा चुका हूं। शहीद अंशुमान की मां ने कहा कि बहुएं भाग जाती हैं।

शहीद कैप्टन अंशुमान के पिता ने कहा कि बेटे की पांच महीने की शादी थी, कोई बच्चा नहीं है। पीछे जो तस्वीर है बस वही है। आज हमारे पास क्या है। उन्होंने कहा कि इस बारे में सवाल पूछे जाने चाहिए। इसमें बदलाव होना चाहिए। जैसे कारगिल की लड़ाई के बाद 67, 33 % हुआ था। लेकिन इसकी व्याख्या ठीक से होनी चाहिए। एनओके की परिभाषा क्या होगी। शहीद की पत्नी परिवार में रहेगी तो क्या होगा, नहीं रहने पर क्या होगा, बच्चें रहेंगे तो क्या होगा, माता पिता का क्या होगा?

कितने लोग परिवार के लोग उस पर निर्भर थे और वह कितनी जिम्मेदारी छोड़कर गया है। उन चीजों पर संशोधन हो। कैप्टन अंशुमान के माता-पिता ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह इस मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात करेंगे। अंशुमान की मां ने कहा कि बहुएं भाग जाती हैं। मेरे जैसा किसी को दुख न हो। ऐसे मामले कई आ रहे हैं। मां-बाप को छोड़कर बहुएं भाग जा रही हैं।

क्या होता है NOK
NOK का मतलब होता है (Next to kin) निकटतम परिजन। अविवाहित के लिए यह माता-पिता होता और विवाहित के लिए जीवनसाथी। यह किसी व्यक्ति के सेवा में दर्ज की जाने वाली जानकारी होती है। ट्रेनिंग/ सेवा के दौरान कोई इमरजेंसी या मृत्यु होती है तो NOK को ही आधिकारिक जानकारी दी जाती है।


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