मुख्यमंत्री ने कुल्लू में 198 करोड़ रुपये लागत की 13 परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास किए
कहा प्रदेश सरकार पर्यटकों को हर संभव सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला कुल्लू के प्रवास के दौरान जिला के लिए 198 करोड़ रुपये की 13 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास किए। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि इन परियोजनाओं से स्थानीय निवासी और पर्यटक दोनों ही लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य के समान विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए कहा कि यह विकास परियोजनाएं कुल्लू जिले के विकास में मील पत्थर साबित होंगी।
मुख्यमंत्री ने 20 करोड़ रुपये से की लागत से निर्मित सब्जी मंडी बंदरोल तथा 9.07 करोड़ रुपये से रायसन में ब्यास नदी पर बने डबल लेन पुल का लोकार्पण किया। उन्होंने नेहरू कुंड (बाहांग) में ब्यास नदी पर बुरवा और शनाग सम्पर्क मार्ग को जोड़ने वाले 6.44 करोड़ रुपये से बने स्टील ट्रस ब्रिज, जगतसुख नाला पर 4.07 करोड़ रुपये और चक्की नाला पर 3.37 करोड़ रुपये से बने आरसीसीटी-बीम पुलों, पतलीकूहल में 20 लाख रुपये से बने विवेकानन्द पुस्तकालय, मनाली में 7.83 करोड़ रुपये से बनी इको-फ्रेंडली मार्केट मढ़ी, सोलंगनाला में 54 लाख रुपये से तैयार वे साइड सुविधाएं और सजला में 29 लाख रुपये की लागत से निर्मित आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने 130.18 करोड़ रुपये की लागत से भबेली जिंदौर सड़क के रखरखाव और टारिंग, 3.59 करोड़ रुपये की बंदरोल दीदारी शरण सड़क, 1.49 करोड़ रुपये की फ्लेन से ग्राहन सड़क और 10.86 करोड़ रुपये से ब्यास नदी के दाहिने किनारे पर ग्राम कटराईं, 15 मील बड़ाग्रां बिहाल और आसपास के क्षेत्रों के लिए बाढ़ सुरक्षा कार्यों की आधारशिलाएं भी रखीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के कुप्रबंधन के कारण हिमाचल को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने केवल एक वर्ष के भीतर अर्थव्यवस्था को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया है और आर्थिकी में 20 प्रतिशत का उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
बंदरोल सब्जी मंडी का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 में हिमाचल प्रदेश के लोगों ने आपदा का बहादुरी से सामना किया। उन्होंने कहा वित्तीय चुनौतियों के बावजूद, राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव कर प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जन सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित है और यह प्रतिबद्धता सरकार द्वारा आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए लाए गए 4,500 करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज से स्पष्ट झलकती है। इस राहत पैकेज के तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजा 1.30 लाख रुपये से साढ़े पांच गुना बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है और कच्चे मकानों को आंशिक क्षति के मामले में मुआवजा 25 गुना बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया गया है। इसी प्रकार पक्के मकानों के लिए मुआवजा 15.5 गुणा बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दौरान वह तीन दिन तक स्वयं कुल्लू में रहे और 48 घण्टे के भीतर आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की र्गइं। प्रदेश सरकार ने 75 हजार पर्यटकों और 15 हजार वाहनों को सुरक्षित बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के बावजूद मुख्य पर्यटक स्थलों जैसे शिमला, मनाली और धर्मशाला में प्रदेश सरकार के सकारात्मक प्रयासों से पर्यटकों की संख्या में बढ़ौतरी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों को हर प्रकार की सुविधा प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि मनाली और अन्य क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम को लेकर गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं, जोकि पूरी तरह से निराधार हैं।
उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश पर ऋण के बोझ व सरकारी कर्मचारियों की लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारियों के बावजूद एक वर्ष के दौरान प्रदेश की आर्थिकी में आशातीत सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को आगामी चार वर्षों में आत्मनिर्भर राज्य बनाने और एक दशक के भीतर देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए सशक्त प्रयास कर रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले साल नव वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की घोषणा की थी, जिसे कार्यान्वित कर दिया गया है। इस वर्ष सरकार ने दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने के लिए नई योजना आरम्भ करने की घोषणा की है। इसके तहत प्रदेश में एक एकीकृत विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थान खोला जाएगा। इस संस्थान में दिव्यांग छात्रों को आधारभूत स्कूली शिक्षा और महाविद्यालय स्तर की उच्च शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त छात्रों को खेलों के क्षेत्र में प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा ताकि वह पैरा ओलम्पिक्स व अन्य खेल आयोजनों में सहभागिता सुनिश्चित कर सकें।
उन्होंने कहा कि नव वर्ष के अवसर पर प्रदेश सरकार ने राज्य के युवाओं के लिए सौर ऊर्जा क्षेत्र में राजीव गांधी स्वरोज़गार स्टार्ट-अप योजना के चरण-2 को शुरू करने का भी निर्णय लिया है।
इससे पहले, मनाली आगमन पर विभिन्न स्थानों पर लोगों ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विधायक भुवनेश्वर गौड़, पूर्व मंत्री खीमी राम, पूर्व विधायक रघुबीर सिंह, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सेसराम आजाद, एपीएमसी कुल्लू के अध्यक्ष राम सिंह मियां, एपीएमसी मण्डी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, उपायुक्त आशुतोष गर्ग, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।