नहीं बदलेगा ऐतिहासिक स्टेट लाइब्रेरी का स्वरूप
ऐतिहासिक रिज मैदान पर अंग्रेजों द्वारा बनाई गई स्टेट लाइब्रेरी का स्वरूप नहीं बदलेगा. कैफे बनाने के आरोपों को नगर निगम ने सिरे से नकार दिया है. नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि रिज मैदान पर स्टेट लाइब्रेरी का भवन ऐतिहासिक भवन है और इस भवन में जगह-जगह दरारें आ गई हैं और फर्श भी टूट गया है. स्मार्ट सिटी के तहत ढाई करोड़ से जीर्णोद्धार किया जाएगा. जिसमे यहां लाइब्रेरी ही रहेगी.
वहीं, अब नगर निगम ने स्तिथि स्पष्ट करते हुए इस भवन में लाइब्रेरी ही रखने की बात कही है. यह भवन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, लेकिन अब इसकी हालात खस्ता हो गई है. खिड़कियां टूट गई हैं और छत भी गिरने की कगार पर है. ऐसे में नगर निगम इस भवन का जीर्णोद्धार करने जा रहा है.
नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि रिज मैदान पर स्टेट लाइब्रेरी का भवन ऐतिहासिक भवन है और इस भवन में जगह-जगह दरारें आ गई हैं और फर्श भी टूट गया है. स्मार्ट सिटी के तहत ढाई करोड़ से जीर्णोद्धार किया जाएगा. जिसमे यहां लाइब्रेरी ही रहेगी.
उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा इस भवन से लाइब्रेरी हटा कर कैफे खोलने की अफवाह उड़ाई जा रही है, जबकि नगर निगम की ऐसी कोई योजना नहीं है. नगर निगम के पास स्मार्ट सिटी के तहत इसके लिए राशि का प्रावधान किया गया है और जल्द ही इस भवन के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया जाएगा.
महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि जीर्णोद्धार के बाद इस भवन में छात्रों के पढ़ने के लिए लाइब्रेरी ही रखी जाएगी और साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी इस भवन में बैठने की व्यवस्था की जाएगी.
शिमला के रिज मैदान पर अंग्रेजों ने 1860 में स्टेट लाइब्रेरी बनाई थी, ताकि शहर के बीचोंबीच लोगों को पढ़ने की जगह मिल सके. इस लाइब्रेरी को चलाने का जिम्मा तब म्यूनिसिपल कमेटी को दिया गया था. देश आजाद हुआ तो यह पहले कमेटी और फिर शिमला नगर निगम इस लाइब्रेरी को चलाता रहा, लेकिन 1986 में इस लाइब्रेरी को शिक्षा विभाग ने अपने अधीन लिया, लेकिन शिक्षा विभाग ने इसकी हालात नहीं सुधारी. वहीं, अब स्टेट लाइब्रेरी कनेडी चौक पर शिफ्ट कर दी गई है. ऐसे में अब नगर निगम इस भवन को फिर से अपने अधीन ले लिया है और अब इसका जीर्णोद्धार किया जाएगा.