हिमाचल प्रदेश में कभी भी लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों की घोषणा हो सकती है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को ऐसे संकेत दिए हैं। आयोग ने मुख्य चुनाव अधिकारी शिमला को इस संबंध में पहले से तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद आयोग ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का पहले चरण का निरीक्षण कर लिया है। सूत्रों के अनुसार कोविड के कारण उपजी परिस्थितियां सामान्य रहीं तो 20 अगस्त के बाद कभी भी उपचुनावों का एलान हो सकता है।
राज्य में मंडी संसदीय सीट पर लोकसभा के चुनाव होने हैं, जबकि फतेहपुर, जुब्बल-कोटखाई और अर्की में विधानसभा के चुनाव होने हैं। मंडी में सांसद रामस्वरूप शर्मा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद यहां सांसद का पद खाली है। फतेहपुर में पूर्व मंत्री और विधायक रहे सुजान सिंह पठानिया का छह महीने पूर्व देहांत हो गया, जिसके बाद यह हलका तो उपचुनाव के लिए निर्धारित समयसीमा को पार करने लगा है। जुब्बल-कोटखाई में पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक रहे नरेंद्र बरागटा के देहांत के बाद यहां विधानसभा की सीट खाली हुई है। अर्की में हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस विधायक वीरभद्र सिंह के देहांत के बाद यह सीट रिक्त हुई है।
अर्की के लिए भी राजस्थान से पहुंचीं मशीनें
अर्की विधानसभा क्षेत्र के लिए भी सोमवार को राजस्थान से 320 ईवीएम पहुंच गई हैं। इससे पहले फतेहपुर के लिए 300 और जुब्बल-कोटखाई के लिए 280 ईवीएम आ चुकी हैं। मंडी लोकसभा सीट के लिए हरियाणा से 3600 ईवीएम मंगवाई जा चुकी हैं। अर्की को छोड़कर बाकी सभी हलकों की फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) भी हो चुकी हैं। यह निरीक्षण राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों, इंजीनियरों आदि की उपस्थिति में हो चुका है। अब यह अर्की के लिए आईं ईवीएम का भी होगा।